3 साल में पहली बार मां-बाप को देख झूम उठा बच्चा, देखें Photo
कई बार पैदा होते ही मुसीबतों से सामना शुरू हो जाता है. 3 साल के जेक्सन एंबर्टन (Jaxon Emberton) के साथ भी कुछ ऐसा ही है. ब्रिटेन (Britain) में रहने वाले जेक्सन DiGeorge सिंड्रोम (DiGeorge Syndrome) से पीड़ित है. दिल की बीमारियों (Heart Issues) के साथ ही उसकी आंखों की रोशनी (Eyesight Loss) भी लगभग जा चुकी है. वायरल फोटोज (Viral Photos) में देखिए उसके चेहरे की मुस्कुराहट, जब उसने 3 साल में पहली बार अपने मां-बाप को देखा.
जन्म से बीमार है जेक्सन
ब्रिटेन (Britain) में रहने वाले चार्ल्स एंबर्टन (Charles Emberton) और केसी बूथ (Cassie Booth) के बेटे जेक्सन एंबर्टन (Jaxon Emberton) का जन्म कई गंभीर बीमारियों के साथ हुआ था. उसे जन्म से ही DiGeorge सिंड्रोम (DiGeorge Syndrome) नाम की क्रोमोसोमल अब्नॉर्मलिटी (Chromosomal Abnormality) है. इसकी वजह से उसकी आंखों की रोशनी इस हद तक जा चुकी है कि वह सिर्फ अपनी नाक तक ही देख सकता है.
बच्चे की मुस्कान ने जीता सबका दिल
सोशल मीडिया (Social Media) पर जेक्सन एंबर्सन की फोटोज काफी वायरल (Jaxon Emberson Viral Photos) हो रही हैं. दरअसल, इस बच्चे के लिए छोटा सा खास तरह का चश्मा बनवाया गया था, जिससे वह देख सके. बर्मिंघम (Birmingham) के चिल्ड्रेंस ऑफ अलाबामा हॉस्पिटल (Children's Of Alabama Hospital) में बच्चे की आंखों पर चश्मा चढ़ाया गया था. जब उसने पहली बार अपने मां-बाप को देखा तो उसकी मासूम मुस्कुराहट (Innocent Smile) देखने लायक थी.
11 दिन की उम्र में हुई थी पहली सर्जरी
जेक्सन एंबर्सन की पहली ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) तब हुई थी, जब वह मात्र 11 दिन का था. वहीं, उसकी दूसरी सर्जरी 6 हफ्ते की उम्र में हुई थी. वह बचपन से ही अपनी लाइफ के लिए स्ट्रगल (Life Struggle) कर रहा है.
255 दिनों तक रहा हॉस्पिटल में
जहां आमतौर पर स्वस्थ बच्चे (Healthy Child) जन्म के कुछ दिनों बाद ही हॉस्पिटल (Hospital) से डिस्चार्ज होकर घर पहुंच जाते हैं, वहीं एंबर्सन को 25 दिन यानी 8 महीने से भी ज्यादा वक्त तक हॉस्पिटल में ही रहना पड़ा था. आने वाले कुछ समय में बच्चे की 2 और सर्जरी की जाएंगी.
जेनेटिक डिसॉर्डर से पीड़ित है बच्चा
DiGeorge सिंड्रोम (DiGeorge Syndrome) को 22q11.2 डिलीशन सिंड्रोम (Deletion Syndrome) के नाम से भी जाना जाता है. डीएनए (DNA) में से क्रोमोसोम 22 (Chromosome 22) की कमी पाए जाने की वजह से लोग इस सिंड्रोम का शिकार हो जाते हैं.