Colour Of Human Hair: तमाम लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. वैसे तो जब उम्र बढ़ती है, तो बाल सफेद होने लगते हैं. यह आमतौर पर 30 वर्ष के बाद दिखाई देने लगता है, लेकिन कुछ लोगों में इसकी शुरुआत कम उम्र भी हो सकती है. जब उम्र बढ़ती है तो शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. लेकिन इसी कड़ी में तमाम लोगों के बाल भी काले से सफेद हो जाते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बालों का कुदरती रंग हेयर फॉलिकल में पाए जाने वाले मेलेनिन पिग्‍मेंट की वजह से होता है. मेलेनिन दो तरह के होते हैं: इयूमेलेनिन और फियोमेलेनिन. सामान्‍य तौर पर इयूमेलेनिन की वजह से बालों का रंग काला होता है. अगर इयूमेलेनिन की मात्रा कम होगी तो बालों का रंग हल्‍का होगा. किसी भी व्‍यक्ति में मेलेन‍िन का लेवल कम होने के साथ बालों का रंग बदलता भी रहता है. 


हालांकि, बालों के सफेद या ग्रे होने के पीछे वजह उम्र भी होती है. केमिकल प्रोसेस के जरिए भी बालों का रंग बदला जा सकता है. वैसे तो भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतर लोगों के बालों का कुदरती रंग काला होता हैं. जबकि अन्य जगहों पर कुदरती रंग अलग भी हो सकता है. फिर बढ़ती उम्र के साथ ही बाल सफेद होने लगते हैं. बालों में मेलानिन कम बनने या बिल्कुल न बनने की कई वजह हो सकती हैं. इसमें सबसे बड़ी वजह होती है बढ़ती उम्र. उम्र बढ़ने के साथ मेलानिन का प्रोडक्शन कम होने लगता है और इस तरह बाल सफेद होने लगते हैं.


लेकिन बाल सफेद होने की बढ़ती उम्र अकेली वजह नहीं है, इसके और भी कई कारण हैं. खान-पान ठीक न होने और प्रदूषण समेत अन्‍य कारणों से बाल सफेद होने लगते हैं. बालों के सफेद होने में आनुवंशिकता की भूमिका हो सकती है. इन सबके अलावा उम्र का बढ़ना, आनुवंशिकता, रोग, तनाव, पोषण की कमी, विटामिन बी-12 की कमी, शरीर में हार्मोनल बदलाव, उच्च शरीरिक या मानसिक तनाव की वजह से भी ऐसा होता है.