क्या मुंह से चूसकर निकाल सकते हैं सांप का जहर? नाग काट ले तो सबसे पहले क्या करें
Snake Bite Treatment & Precatutions: कई लोग तो अंधविश्वास में आकर पीड़ित को तांत्रिक या झाड़-फूक वाले तक के पास ले जाते हैं. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और मरीज मर जाता है. कुछ लोग तो डंक वाली जगह से जहर चूसकर निकालने तक का दावा करते हैं.
Snake Bite: पूरे देश में सांप के काटने से मौत की खबरें आती रहती हैं. कई लोगों ने तो यहां तक दावा किया कि उनको सांप बार-बार काटते हैं. WHO के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल सांपों के काटने से भारत में 81000 से 1,38,000 लोगों की मौत हो जाती है. भारत में काफी तादाद में ऐसे लोग हैं, जिनको यही मालूम नहीं है कि सांप के काटने के बाद क्या करना चाहिए.
कई लोग तो अंधविश्वास में आकर पीड़ित को तांत्रिक या झाड़-फूक वाले तक के पास ले जाते हैं. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और मरीज मर जाता है. कुछ लोग तो डंक वाली जगह से जहर चूसकर निकालने तक का दावा करते हैं. आइए आज आपको बताते हैं कि ऐसा करना कितना सही और कितना खतरनाक है और सांप के काटने पर क्या करना चाहिए.
क्या हैं गाइडलाइंस?
उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गाइडलाइंस के मुताबिक, सांप के जहर को चूसकर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
इसकी वजह ये है कि अगर चूसने वाले शख्स के मुंह में कोई खुला घाव है तो जगह उस तरह से खून में एंट्री कर सकता है, जो बेहद खतरनाक है. इतना ही नहीं इंसान का मुंह कीटाणुओं से भरा होता है, जो घाव में संक्रमण पैदा कर सकता है. इसलिए सांप के जहर को चूसना इस समस्या का हल नहीं है.
सांप काटने के बाद अपनी तरफ से किसी भी तरह की दवाई मरीज को नहीं देनी चाहिए. उस हिस्से पर किसी तरह का मलहम भी लगाना नहीं चाहिए.
सपेरे या तांत्रिक के चक्कर में कतई ना पड़ें और सांप को ढूंढकर मारने की कोशिश भी ना करें. कई बार सांप के ज्यादा करीब जाने से और लोग भी इसके शिकार हो सकते हैं.
प्राधिकरण की गाइडलाइंस के मुताबिक, भारत में सांप के काटने से ज्यादा मौतों का कारण है प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान ना होना, एंटीवेनम की कमी, झाड़-फूक के चक्कर में पड़ना, अवैज्ञानिक (देसी) तरीकों का इस्तेमाल करना और प्रशिक्षित डॉक्टरों का ना होना.
क्या हैं सांप के काटने के लक्षण/प्रभाव
मरीज को सांप के काटे वाली जगह पर बहुत तेज दर्द होगा.
उसे बेहोशी आने लगेगी और उस हिस्से पर सूजन आ जाएगी.
आंखों के सामने धुंधलापन छाने लगेगा और पलकें भारी होने लगेंगी.
उस शख्स को पसीना आएगा और उल्टी जैसा महसूस होने के अलावा सांस लेने में भी तकलीक होगी.
पीड़ित का ब्लड प्रेशर बढ़ जाएगा और दिल की गति तक रुक सकती है. इसके अलावा पैरालिसिस भी होने की संभावना रहती है.
क्या है प्राथमिक इलाज
सबसे पहले पीड़ित को कोई शारीरिक क्रिया ना करने दें. उसकी घबराहट दूर करने और उसे शांत करने की कोशिश करें. घाव को साबुन से धोएं और घाव के साथ छेड़छाड़ ना करें.
उसके तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए और एंटीवेनम देना चाहिए. मरीज को यह यकीन दिलाना जरूरी है कि 80-90 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं.
पीड़ित के शरीर से घड़ी, जूते, अंगूठियां और तंग कपड़े हटा दें. सांप के रंग और उसके आकार को याद रखने की कोशिश करें.