Zomato Delivery Boy: दिल्ली में एक रात की डिलीवरी ने एक दिल को छू लेने वाली कहानी को उजागर किया. जब जोमैटो के डिलीवरी एजेंट शिवा सरकार दिल्ली की कड़क सर्दी में अपना काम कर रहे थे, तो कस्टमर हिमांशु बोहरा ने उन्हें अंदर बुलाया और पानी पिलाने का प्रस्ताव दिया. यह साधारण सा इशारा एक खुली बातचीत में बदल गया, जिसने हिमांशु को झकझोर दिया.


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शिवा सरकार की संघर्षमयी कहानी


शिवा सरकार ने हिमांशु को अपनी संघर्षमयी कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि वह आठवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए थे क्योंकि उनके पिता का निधन हो गया था. इसके बाद, शिवा को अपनी बहनों की शादी के लिए कई कामों में हाथ बंटाना पड़ा. शिवा सरकार ने कहा, "उनके सपने, जिनमें शिक्षा और बेफिक्र जवानी शामिल थे, अब रातों की कड़ी मेहनत और बहनों की शादी के लिए जिम्मेदारी में बदल गए थे."


क्या और कुछ किया जा सकता है?


हिमांशु ने अपनी पोस्ट में यह सवाल उठाया कि ऐसे कितने और लोग हैं, जो अपनी शिक्षा और सपनों को छोड़कर परिवार का पेट पालने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, "क्या हम इन लोगों के लिए कुछ कर सकते हैं?" इसके बाद हिमांशु ने जोमैटो के CEO दीपिंदर गोयल को भी टैग किया और सुझाव दिया कि जोमैटो को अपने डिलीवरी एजेंट्स के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, स्कॉलरशिप्स या आसान लोन जैसी योजनाओं पर विचार करना चाहिए.


देखें पोस्ट-



कंपनी ने प्रेरणादायक कहानी की सराहना की


जोमैटो ने हिमांशु की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और इस प्रेरणादायक कहानी को सबके सामने लाने के लिए धन्यवाद दिया. जोमैटो ने अपने लिंक्डइन पेज पर लिखा, "हिमांशु, हमें यह जानकारी देने के लिए धन्यवाद. यह काफी प्रेरणादायक है और हम अपने डिलीवरी यूनिवर्स पर गर्व महसूस करते हैं. कृपया हमें ऑर्डर ID के बारे में निजी संदेश के जरिए बताएं ताकि हम हमारे डिलीवरी पार्टनर का आभार व्यक्त कर सकें."


समाज और कंपनियां कैसे मदद कर सकती हैं?


लिंक्डइन पर एक यूजर ने सुझाव दिया कि कंपनियां जैसे कि जोमैटो, IGNOU और अन्य UGC द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं के साथ मिलकर उन युवा लोगों को दूरस्थ शिक्षा प्रदान कर सकती हैं, जिन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण पारंपरिक शिक्षा छोड़नी पड़ी. वहीं एक अन्य यूजर ने यह भी कहा कि डिलीवरी एजेंट्स को भारी जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं, जो कभी-कभी उनकी शिक्षा के नुकसान का कारण बनती हैं. उन्होंने लिखा, "सिर्फ एक मुस्कान और धन्यवाद ही उनकी मेहनत और संघर्ष को सराहने के लिए काफी हो सकता है."