China Artificial Sun Temperature: साइंस एंड टेक्नोलॉजी की दुनिया में चीन धीरे-धीरे अमेरिका से भी आगे निकलता जा रहा है. इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों में तीखी नोकझोंक अक्सर देखने को मिलती रहती है. इस नोकझोंक के बीच चीन अब अमेरिका से कई मील आगे निकल चुका है. आपको बता दें कि चीन ने हाल ही में एक प्रयोग किया जिसमें एक कृत्रिम सूरज इजाद किया गया है जो बिल्कुल असल सूरज की तरह ही धधकते आग का गोला है. हालांकि इस एक्सपेरिमेंट को चीन ने 2017 में हासिल कर लिया था लेकिन इस बार उसने 2017 के अपने रिकॉर्ड को ही तोड़ दिया है. चीन के कृत्रिम सूरज ने 403 सेकंड तक लगातार रोशनी की इस दौरान उसके प्लाज्मा का तापमान बढ़कर 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इसमें हैरानी की बात यह है कि यही तापमान सूरज के सतह का भी माना जाता है.


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ग्रीन एनर्जी की दुनिया में नया आयाम


चीन का ये एक्सपेरिमेंट बहुत काम का है. रिसर्चर्स की मानें तो आने वाले दिनों में चीन का ये एक्सपेरिमेंट जीवाश्म ईंधन पर इंसानों की बढ़ती निर्भरता को कम करेगा. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि चीन का कृत्रिम सूरज ग्रीन एनर्जी की दुनिया में क्रांति ला सकता है. ड्रैगन के इस प्रयोग से स्वच्छ ऊर्जा की ओर मानव की निर्भरता को एक नया आयाम मिलेगा. आपको बता दें कि बुधवार की रात चीन के एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) फ्यूजन एनर्जी रिएक्टर ने एक कृत्रिम सूरज बनाया.


2006 के पहले से चल रहा था काम


गौरतलब है कि चीनी वैज्ञानिक 2006 के पहले से इस फ्यूजन एनर्जी रिएक्टर का संचालन कर रहे हैं. रिएक्टर ने अब तक 120,000 से अधिक प्रयोग पूरे किए हैं. 2018 में एक और रिकॉर्ड तोड़ते हुए रिएक्टर ने लगभग 18 मिनट तक प्लाज्मा को रोकने में कामयाबी हासिल की थी और इस दौरान तापमान 70 मिलियन डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था. हालांकि, यह इस बुधवार के परीक्षण के दौरान इस्तेमाल किए गए ऑपरेशन मोड से अलग था.


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