Pakistani Hindu: भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी टीना डाबी एक बार फिर चर्चा में हैं. राजस्थान के जैसलमेर जिले में डीएम के पद पर तैनात टीना डाबी पर आरोप हैं कि उनके आदेश के बाद जिले में रह रहे कुछ विस्थापित हिंदू परिवारों के घरों को बुलडोजर चलाया गया है. ये हिंदू परिवार पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे और लंबे वक्त से इस इलाके में रह रहे थे. इन्हीं के घरों पर बुलडोजर चलाने की इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है और यह सब भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रौंद दिया गया है. 


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अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए 
दरअसल, यह पूरी घटना राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थिति एक गांव की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां के अमर सागर नामक गांव में जिला प्रशासन द्वारा कुछ अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए थे. इसके बाद महिलाएं और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक अमर सागर में से विस्थापित होकर कई परिवार यूआईटी की जमीन पर कच्ची झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे. एक-एककर यहां पर करीब 30 से ज्यादा विस्थापित परिवारों ने अपना बसेरा बना लिया था.


बुलडोजर, ट्रैक्टर और पुलिस का बड़ा अमला


कुछ समय पहले यूआईटी ने करोड़ों की कीमत वाली भूमि को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी थी, जिसके बाद विस्थापितों को जगह खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए थे. इसी मामले में मंगलवार को कार्रवाई की गई है. यह भूमि काफी कीमती भी बताई जा रही है. इस कार्रवाई में बुलडोजर, ट्रैक्टर और पुलिस का बड़ा अमला मौजूद रहा.


टीना डाबी की प्रतिक्रिया भी सामने आई


एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में टीना डाबी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उनकी तरफ से कहा गया है कि अमर सागर सरपंच और अन्य गांव वालों की कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि यहां की मुख्य भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है. पाकिस्तानी विस्थापित अमर सागर तालाब के केचमेंट एरिया में लगातार बस रहे हैं. इसे देखते हुए हमने अतिक्रमण हटाया. कुछ नए तो कुछ पुराने अतिक्रमण शामिल हैं. अभी भी कुछ को हटाया जाना बाकी है. 


कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरना


रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि टीना डाबी ने यह भी कहा है कि विस्थापित लोग काफी गरीब और असहाय हैं लेकिन हम अतिक्रमण नहीं होने देना चाहते हैं. इधर इस कार्रवाई के खिलाफ विस्थापित लोग कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. विस्थापितों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनके घरों को तोड़ कर उनको बेघर किया गया है. उनकी मांग है कि उनको वापस उसी जगह या किसी दूसरी जगह बसाया जाए.