Raj Maun Mela: मछलियों को बेहोश कर किया जाता है उनका शिकार, इस राज्य में मनाई जाती है अजीब परंपरा
Fishing Tradition: उत्तराखंड के `राज मौण मेले` के आयोजन को कोरोना (Corona) के कारण दो सालों से कैंसेल किया जा रहा था. ये मेला मछलियों को पकड़ने के लिए प्रसिद्ध है. ग्रामीणों (Villagers) में इस आयोजन को लेकर अच्छा खासा उत्साह देखा गया.
Viral Video On Internet: सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के इस मेले के जश्न (Celebration) का वीडियो खूब तेजी से वायरल हो रहा है. अगलाड़ नदी (Aglar River) में उतरकर ग्रामीणों को जबरदस्त तरीके से मछलियों को पकड़ते हुए (Fishing) देखा जा सकता है. इस वीडियो में अच्छी खासी भीड़ दिख रही है.
हर वर्ग के लोग होते हैं शामिल
बच्चे हों या बुजुर्ग, हर कोई इस मेले (Raj Maun Mela) में भाग लेने के लिए काफी उत्साहित रहता है. आपको बता दें कि मछलियों को बेहोश करने के लिए इस नदी में टिमरू की छाल (Timru Bark) का पाउडर डाला जाता है. ऐसा करने से मछलियों को पकड़ना काफी आसान हो जाता है. पहले आप इस वायरल वीडियो को देखें...
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मछलियां पकड़ने में जुटी भीड़
ग्रामीण मछलियों को पकड़ने के लिए अपने हाथों से लेकर जाल तक, कई तरीके के औजारों (Tools) का इस्तेमाल करते हैं. जैसे ही पानी में डाले गए पाउडर (Powder) का असर खत्म होता है मछलियों को होश आने लगता है. इस वीडियो में हजारों की तादाद में लोग दिखाई दे रहे हैं. जहां तक नजर जा रही है लोग ही लोग (Crowd) दिख रहे हैं. इस मेले में शामिल होने के लिए विदेश (Foreign) से भी लोग आते हैं.
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नदी हो जाती है साफ
ऐसा माना जाता है कि इस तरह की परंपरा (Tradition) को निभाने के बाद नदी साफ हो जाती है. नदी साफ होने से मछलियों को भी प्रजनन (Reproduction) के लिए साफ पानी मिलता है. लोग मछलियों को पकड़कर घर पर लेकर जाते हैं और पकाकर खाते हैं. इतना ही नहीं लोगों की भीड़ से पानी में जमी हुई गंदगी (Filth) भी उखड़कर बह जाती है.