गूगल मैप यूजर्स सावधान! इस रास्ते आए तो भटक जाओगे; साइनबोर्ड पर लिखा- गलत है Google
Google Map: दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑनलाइन मैप गूगल मैप ही है. यह मैप सैटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल करता है. हर रोज करोड़ों लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए इसी पर भरोसा करते हैं. लेकिन, कभी-कभी ये गुमराह भी कर सकता है.
Google Is Wrong: दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑनलाइन मैप गूगल मैप ही है. यह मैप सैटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल करता है. हर रोज करोड़ों लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए इसी पर भरोसा करते हैं. लेकिन, कभी-कभी ये गुमराह भी कर सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गूगल मैप पर जानकारी पुरानी हो सकती है, जीपीएस या इंटरनेट की दिक्कत हो सकती है या फिर टेक्निकल गड़बड़ी भी हो सकती है. कई बार ऐसा हुआ है कि गूगल मैप लोगों को गलत रास्ते पर ले गया है. कर्नाटक के कोडागु जिले में हाल ही में, स्थानीय लोगों ने गूगल मैप की गलत रास्ता बताने की समस्या को लेकर एक मजेदार साइनबोर्ड लगा दिया.
गूगल मैप के रास्ते आए तो भटक जाओगे
ये साइनबोर्ड घूमने वालों को सलाह देता है कि वो गूगल मैप्स के रास्ते को ना माने और क्लब महिंद्रा रिसॉर्ट तक पहुंचने के लिए कोई दूसरा रास्ता चुनें. कोडागु कनेक्ट नाम के सोशल मीडिया अकाउंट ने इस साइनबोर्ड की तस्वीर शेयर की थी. उस साइनबोर्ड पर लिखा था, "गूगल गलत है. ये रास्ता क्लब महिंद्रा नहीं जाता है." ये साइनबोर्ड वहां के स्थानीय लोगों ने लगाया था, जो गुमराह करने वाले गूगल मैप्स की वजह से रास्ता भटकने वाले टूरिस्ट से परेशान थे. कई लोगों ने खुद भी बताया कि कैसे गूगल मैप्स ने उन्हें गलत रास्ते पर ले गया. इस पोस्ट पर कई सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी.
पोस्ट पर लोगों ने दी टूरिस्ट को बढ़िया सलाह
पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा, "मेरे जैसा कोई लोकल गाइड इस गलत जानकारी को ठीक कर सकता था. लेकिन गूगल की एक एडमिन टीम है जिन्हें एडिट रिजेक्ट करने का बहुत शौक है. तो बेहतर होगा कोई गूगल से आकर इसे ठीक करे. तब तक लोग इन्हें ऐसे ही गालियां देते रहेंगे." कई लोगों का कहना था कि खासकर पहाड़ी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने जाते समय गूगल मैप्स पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता है.
एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "जब भी हम पहाड़ों पर चढ़ते हैं, गूगल हमेशा गलत रास्ता बताता है. गूगल ने हमें अचानक से एक ऐसे रास्ते पर मोड़ दिया जहां हम 80 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर चले गए और तब जाकर समझ आया कि हम गलत रास्ते पर हैं. बाद में किसी स्थानीय व्यक्ति ने हमें सही रास्ता बताया."