चींटी की खासियतें: ना सोती है, ना सुनती है कानों से, जानिए कैसे काम करता है उसका दिमाग!
Amazing Facts; क्या आपने कभी सोचा है कि `चींटी` के दिमाग में क्या चलता है? ये न सोने वाली और पैरों से सुनने वाली छोटी सी जीव अपने काम में माहिर होती है. चलिए जानते हैं विस्तार से.
चींटी एक बहुत ही दिलचस्प और अद्भुत जीव है, जो अपनी खासियतों के लिए जानी जाती है. सबसे पहले, चींटी कभी सोती नहीं. जी हां, यह सच है! चींटियों का नींद लेने का तरीका इंसानों और बाकी जानवरों से अलग होता है. ये अपनी सक्रियता को छोटे-छोटे ब्रेक में बदलती हैं, यानी एक बार में ज्यादा देर तक सो नहीं पातीं.
चींटी के शरीर में लगभग ढाई लाख मस्तिष्क कोशिकाएं (neurons) पाई जाती हैं, इन कोशिकाओं के माध्यम से चींटी लगातार अपने दिमाग को चलाती रहती है. हालांकि खास बात यह है कि दिमाग चलाने के लिए उन्हें सोने की जरुरत नहीं होती है.
चींटियां वाकई में अद्भुत होती हैं, खासकर वजन उठाने के मामले में! यह सच है कि चींटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा वजन उठा सकती है. अगर हम इसकी तुलना करें, तो यह एक इंसान के लिए इस तरह का भार उठाना जैसे वह एक कार को अपनी पीठ पर उठाकर चलने लगे.
चींटियां एक बेहद संगठित समाज में रहती हैं, जिसे हम "कुनबा" या "कॉलोनी" कहते हैं. इनकी पूरी कॉलोनी एक बहुत ही अनुशासित और सामूहिक व्यवस्था में काम करती है, जहां हर चींटी का अपना विशिष्ट काम होता है. चींटियों को अकेले रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, और यह समाजिक जीव होती हैं.
चींटियों के कान नहीं होते. हालांकि, चींटियां अपने पैरों की मदद से जमीन में होने वाले कंपन को महसूस करके सुनती हैं. चींटियों के घुटने और पैरों में कुछ खास सेंसर होते हैं, जिनकी मदद से वे आस-पास की हलचल का पता लगा लेती हैं.
चींटियां हमेशा अपने कुनबे या कॉलोनी में रहती हैं, जो एक संगठित और सामूहिक समाज होता है. हर चींटी का अपना विशेष काम होता है. रानी चींटी प्रजनन करती है, नर चींटे प्रजनन के लिए होते हैं, और कामकाजी चींटियां खाना लाती हैं, घोंसला बनाती हैं, और बच्चों की देखभाल करती हैं.