Knowledge: 2500 साल पुरानी रेसिपी है, `मक्के दी रोटी - सरसों दा साग`; बेहद दिलचस्प है पंजाबी जायके की History
Punjabi Village Food: जिस सरसों के साग और मक्के की रोटी को लोग बड़े चाव से खाते हैं, उस पंजाबी खाने का भारत और पाकिस्तान बंटवारे से गहरा रिश्ता है. यह डिश करीब 2500 साल से भी ज्यादा पुरानी है.
Traditional Punjabi Food: सब जानते हैं कि पंजाबी लोग खाने के मामले सबसे आगे होते हैं. यहां के खाने की लोकप्रियता देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. आज पजांबी जायका आपको देश के किसी भी हिस्से में मिल जाएगा. पजांबी खाने को लेकर कुछ लोगों में यह भ्रम है कि पंजाबियों में नॉनवेज सबसे ज्यादा फेसम है लेकिन ऐसा नहीं है. आपको बता दें पंजाब पांच नदियों के बीच बसा हुआ है इसलिए इसे पंजाब कहा जाता हैं. यहां की भूमि काफी उपजाऊ है और तरह - तरह की फसलों का उत्पादन भी यहां खूब होता है इसलिए असल पंजाबी खाने की बात की जाए तो वह नॉनवेज न होकर वेज है. पंजाब का सबसे मशहूर फूड मक्के की रोटी और सरसों का साग है जिसे चूल्हे पर पकाया जाता है. यहां सरसों की साग को पकाने के लिए देसी घी का अधिक इस्तेमाल किया जाता है.
इतनी पुरानी है यह पंजाबी डिश
मक्के की रोटी और देसी घी में पका हुआ सरसों का साग खासकर लोग सर्दियों में खाना पसंद करते हैं. यह डिश 100 या 200 साल पुरानी डिश नहीं है बल्कि यह डिश करीब 2 हजार 5 सौ साल से ज्यादा पुरानी मानी जाती है. मक्के की रोटी और सरसों के साग का जिक्र जैन ग्रंथ आचारांग सूत्र में भी मिलता है. इसी काल के सुश्रुत संहिता में भी इसका जिक्र मिलता है. उस दौरान इसे पकाने के लिए सरसों के बीजों और सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता था. इसमें देसी घी ऊपर से डाला जाता था.
पंजाब में ऐसे हुई थी मक्के की खेती
आपको बता दें कि 16 वीं शताब्दी में मक्के को यूरोप से भारत लाया गया था. यह भारत नहीं बल्कि मेक्सिको और साउथ अफ्रिका में उगाया जाता था. मक्के की रोटी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान कई प्रवासियों ने सड़कों पर पनाह ली थी. इस दौरान वो सरसों का साग और मक्के की रोटी खाते थे. उसके बाद आजीविका चलाने के लिए उन्होंने इसे दूसरों के लिए पकाना शुरू किया. इसके बाद से ही यह दुनियाभर में फेसम हो गया.
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