North Indian Woman Statement About Bengaluru: एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह कहती हैं कि बेंगलुरू उत्तर भारतीयों की वजह से है. इस वीडियो ने बेंगलुरू और अन्य शहरों के बीच सांस्कृतिक भिन्नताओं को लेकर एक बड़ी बहस को जन्म दिया है. महिला ने वीडियो में यह भी दावा किया कि बेंगलुरू में नॉर्थ भारतीयों को नफरत की दृष्टि से देखा जाता है.


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वीडियो में महिला से पूछा गया था कि उत्तर भारत से बेंगलुरू आने के बाद उन्हें कौन सा कल्चरर झटका लगा. इस पर महिला ने जवाब दिया, "मुझे तो कल्चरर झटका नहीं लगा, लेकिन यहां के लोग नॉर्थ इंडिन्स से नफरत करते हैं, यही मैंने महसूस किया." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बेंगलुरू में लोग उत्तर भारतीयों को अलग नजरिये से देखते हैं और कभी-कभी उन्हें ये हिंदी लोग कहकर संबोधित करते हैं.


महिला ने आखिर बेंगलुरू को लेकर क्या-क्या कहा?


महिला ने कहा, "मैंने देखा है कि जब लोग ये जान जाते हैं कि कोई उत्तर भारत से है, तो उनका व्यवहार बदल जाता है. ऑटोवाले हमसे ज्यादा पैसे लेते हैं, और हमें ये हिंदी लोग कहकर पुकारते हैं. हम कई बार इस तरह संबोधित हुए हैं." वह बेंगलुरू को पसंद करती हैं, और यहां फिर से आना चाहती हैं, लेकिन उनका कहना है कि यहां के लोग बाहरी लोगों के साथ अलग व्यवहार करते हैं. महिला ने कहा, "यह शहर उत्तर भारतीयों की वजह से इतना बड़ा और खास बना है, लेकिन फिर भी यहां के लोग इसे स्वीकार करने में कतराते हैं."


लोगो ने वीडियो पर कैसे दिए रिएक्शन


यह वीडियो शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'X' पर शेयर किया गया था. इसके बाद से इस वीडियो को करीब सात लाख बार देखा गया और लगभग 5,000 लाइक्स मिले. वीडियो के कमेंट सेक्शन में यूजर्स की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कुछ यूज़र्स ने महिला के बयान का समर्थन किया, जबकि कुछ ने यह कहा कि यह सिर्फ एक मानसिकता का मामला है, जो लोगों के व्यवहार को प्रभावित करता है. एक यूजर ने लिखा, "मैं इस बयान में कुछ गलत नहीं देखता! यह वैसे ही होना चाहिए! कन्नड़ लोग भी देश और विदेश में घूमते हैं और उन्हें उत्तर भारत में इस तरह की नफरत का सामना नहीं करना पड़ता. भले ही वे हिंदी ठीक से न बोल पाते हों, लेकिन लोग उनके साथ सामंजस्य बैठाते हैं."


एक अन्य यूज़र ने कहा, "बेंगलुरू में ज्यादातर अच्छी कंपनियों या स्टार्टअप्स के संस्थापक और कर्मचारी दूसरे हिस्सों से आते हैं. वह महिला गलत नहीं कह रही है. यह बहस शुरू ही क्यों हुई? भाषा के नाम पर इस तरह का बंटवारा क्यों?"


कई यूजर्स ने यह भी कहा कि बेंगलुरू में उत्तर भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है, और उनका कहना था कि इस शहर को उत्तर भारतीयों की मेहनत और व्यापारिक कौशल से ही पहचान मिली है.  हालांकि, कुछ ने इस बहस में यह भी जोड़ा कि व्यवहार और मानसिकता अहम भूमिका निभाते हैं. एक यूजर ने उदाहरण देते हुए कहा, "मेरे एक बिहारी दोस्त को अगर वह कन्नड़ में थोड़ी भी बातचीत करता है, तो उसे कम दामों में चीज़ें मिलती हैं. वह बहुत विनम्र है, और लोग उसके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं."