China News: चीन (China) ने सरकारी अधिकारियों को काम के लिए Apple iPhones और अन्य विदेशी ब्रांड की डिवाइस का उपयोग नहीं करने या उन्हें दफ्तर में नहीं लाने का आदेश दिया. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है. यह चीन की सीमाओं के बाहर संवेदनशील जानकारी के प्रवाह को कथित तौर पर सीमित करने की कोशिशों के तहत शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले शासन का नया कदम है. बता दें चीन एप्पल के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और कंपनी के कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी 19 फीसदी है.


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रॉयटर्स के मुताबिक वॉल स्ट्रीट जर्नल रिपोर्ट में Apple (AAPL.O) के अलावा अन्य फ़ोन निर्माताओं का नाम नहीं लिया गया.


Apple कार्यक्रम से पहले लगाया गया प्रतिबंध
यह प्रतिबंध अगले सप्ताह होने वाले Apple  कार्यक्रम से पहले लगाया गया है, जिसके बारे में विश्लेषकों का मानना है कि यह iPhones की एक नई सीरीज लॉन्च करने के बारे में होगा.


इस घोषणा की वजह से चीन-अमेरिका तनाव बढ़ने के कारण चीन में काम करने वाली विदेशी कंपनियों के बीच चिंता पैदा हो सकती है.


डाटा सुरक्षा को लेकर चीन है चिंतित
चीन हाल के वर्षों में डाटा सुरक्षा को लेकर अधिक चिंतित हो गया है और उसने कंपनियों के लिए नए कानून और अनुपालन आवश्यकताएं लागू की हैं.


मई में, चीन ने बड़े राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) से प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अपने अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया.


बता दें इस समय चीन-अमेरिका तनाव बहुत अधिक है क्योंकि वाशिंगटन अपनी चिप इंडस्ट्री को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण उपकरणों तक चीन की पहुंच को रोकने के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.


दूसरी तरफ बीजिंग विमान निर्माता बोइंग और चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी सहित प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के शिपमेंट को प्रतिबंधित कर रहा है.