Starving Zoo Animals In China: चीन (China) वैसे तो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी (Economy) है. पर वहां मंदी आने के बाद अब चीन की शी जिनपिंग (Xi Jinping) सरकार अपने ही नागरिकों पर कहर ढा रही है. शी जिनपिंग ने जब तीसरी बार लगातार देश की सत्ता पाई तो उन्होंने वादा किया कि चीन की अर्थव्यवस्था को सोशलिस्ट मार्केट इकोनॉमी बनाएंगे. जिनपिंग ने चीन में पब्लिक सेक्टर को मजबूत करने की बात कही थी लेकिन अब जो कहानी सामने आई है वह कुछ और ही बयां कर रही है. दरअसल, चीन के कई शहरों में भयंकर मंदी और नकदी का संकट छा गया है. इससे निपटने के लिए चीन ने सारा भार अपने नागरिकों पर डाल दिया है. चीनी सरकार ने बिना लाइसेंस खीरा परोसने से लेकर तमाम चीजों पर भारी-भरकम जुर्माना (Fine On Cucumber) लगा दिया है.


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खीरे पर जुर्माना


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नकदी संकट से परेशान चीन अपने नागरिकों से छोटी-छोटी चीजों पर भारी-भरकम जुर्माना वसूल रहा है. कैश संकट से निकलने के लिए वह ज्यादा से ज्यादा कैश अपने नागरिकों पर जुर्माना लगाकर वसूल करने की कोशिश कर रहा है. नौबत ये आ गई है कि रेस्टोरेंट में अगर लाइसेंस के बिना खीरा कस्टमर को दे दिया जाता है तो उससे बड़ा जुर्माना वसूला जाता है. इतना ही नहीं सड़कों पर अगर कोई ओवरलोड ट्रक दिख जाए तो उससे भी भारी-भरकम जुर्माना लिया जा रहा है.


बेजुबान जानवरों पर सितम


जानकारी के मुताबिक, नकदी संकट का बुरा परिणाम बेजुबान जानवरों को भी भुगतना पड़ रहा है. इसकी वजह से चीन डोंगशान पार्क में जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है. इसका कारण ये है कि चिड़ियाघर को चीनी सरकार की तरफ से अब पैसा नहीं मिल रहा है. कई महीनों से चिड़ियाघर के कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं मिली है.


ड्रैगन का जानवरों पर अत्याचार


इसके अलावा जानवरों को दिए जाने वाले खाने में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है. इस बीच, चीन के लोग बेजुबानों को खाना देने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर जानवरों के खाने के लिए डोनेशन मांग रहे हैं. अभियान चला रहे लोगों का कहना है कि कई मादा जानवर गर्भ से हैं और उन्हें पूरा खाना देना बहुत जरूरी है.