China Child Policy: चीन (China) में जनसंख्या (Population) को लेकर बनाई गई अपनी पॉलिसी में ढील दे दी है. जहां एक तरफ 1980 के दशक में चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी को सख्ती से लागू किया था, तो वहीं, दूसरी तरफ अब चीन आबादी घटने के संकट से जूझ रहा है. नौबत ये है कि पहले चीन में तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई और अब संकट को देखते हुए सिचुआन प्रांत में बच्चों की संख्या पर लगी लिमिट को हटा दिया गया है. इतना ही नहीं यहां पर बिन ब्याही माओं को भी सरकारी सुविधाएं दी जा रही हैं. उनका मेडिकल का खर्च उठाया जा रहा है. बिन ब्याही मांओं वो तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं जो पहले केवल शादीशुदा महिलाओं को बच्चा पैदा करने पर मिलती थीं. आइए जानते हैं कि चीन को ऐसा क्यों करना पड़ा?


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चीन को क्यों उठाना पड़ा ये कदम?


बता दें कि सिचुआन प्रांत चीन का 5वां सबसे बड़ा प्रांत है. सिचुआन की जनसंख्या 8.4 करोड़ है. ये लगातार घट रही है. चीन में इस वक्त थ्री चाइल्ड पॉलिसी का नियम लागू है. लेकिन सिचुआन में इससे कहीं आगे बढ़कर इस पॉलिसी को हटा दिया गया है. बल्कि वहां अब लोग जितने चाहें उतने बच्चे पैदा कर सकते हैं. यहां अब बच्चे पैदा करने पर कोई रोक-टोक नहीं है.


सिचुआन में बिन ब्याही मांओं के लिए स्कीम


जान लें कि पहले अगर किसी मां को बच्चा पैदा करने के बाद सरकारी सुविधाएं लेनी होती थीं तो उसे बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट दिखाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता था. यह केवल शादीशुदा महिलाएं कर सकती थीं. लेकिन अब सिचुआन के नियमों में बदलाव के बाद सरकारी सुविधाओं का लाभ बिन ब्याही मां भी ले पाएंगी. उनको मेडिकल खर्च से लेकर मैटरनिटी लीव तक दी जा रही हैं.


बिन ब्याही मांओं को क्यों दे रहा सुविधाएं?


लोगों को चीन के सिचुआन प्रांत की सरकार का ये फैसला चौंका रहा है कि बिन ब्याही मांओं को सरकारी सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं? इसक पीछे की वजह है कि चीन चाहता है कि सिचुआन प्रांत में तेजी से आबादी बढ़े. बच्चे पैदा करने के लिए शादी की बंदिश ना हो. वरना कई बार शादी नहीं होने के कारण लोग बच्चा पैदा नहीं करते हैं.


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