Coronavirus Updates: भारत के इस पड़ोसी देश में फूटा `कोरोना बम`, 24 घंटे में 11 हजार मामले; लोगों के बाहर निकलने पर लगा बैन
Coronavirus Latest Updates: भारत के अधिकतर इलाकों में भले ही मास्क से जुड़ी सरकारी एडवाइजरी वापस ले ली गई हो लेकिन दुनिया से अभी कोरोनावायरस खत्म नहीं हुआ है. भारत के एक पड़ोसी देश में फिर से कोरोना बम फूट गया है. वहां पर एक दिन में कोरोना के 11 हजार मरीज मिले हैं.
China Coronavirus News: कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलाव को कंट्रोल करने के लिए दुनिया में सबसे सख्त पॉलिसी अख्तियार करने वाले चीन (China) का यह वायरस पीछा छोड़ने को राजी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 11 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं. इनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज ऐसे हैं, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. इन सभी कोरोना मरीजों को क्वारंटीन कर दिया गया है. साथ ही टेस्टिंग की स्पीड तेज कर दी गई है.
24 घंटे में कोरोना के 11 हजार नए मरीज
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) में पिछले 24 घंटे में कोरोना 11 हजार 773 नए मरीज मिले हैं. जो मामले सामने आए हैं, उनमें से 10, 351 ऐसे मरीज हैं, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 'जीरो कोविड' नीति के तहत सभी कोरोना संक्रमितों को परिवार से अलग करके क्वारंटीन किया जा रहा है.
लोगों को घर पर रहने के दिए गए निर्देश
आयोग के अधिकारियों के अनुसार, करीब 1.3 करोड़ की आबादी वाले शहर ग्वांगझू में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3775 मामले सामने आए. उनमें से 2996 में वायरस के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. शहर में हाइज़ू जिले के रहने वाले सभी लोगों को अपने नजदीक के कोरोना जांच केंद्रों में टेस्ट करवाने या घर पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही प्रत्येक घर से केवल एक व्यक्ति को भोजन खरीदने के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी गई है.
वायरस के मामले बढ़ने से अफसर परेशान
देश में कोरोना (Coronavirus) के मामले फिर से बढ़ने से चीन (China) के अधिकारी परेशान हैं. चीन की गिरती आर्थिक विकास दर भी उनकी समस्या बढ़ा रही है. इसे देखते हुए चीन के अधिकारियों ने अब विदेश से आने वाले लोगों को आइसोलेशन में रहने की अवधि 7 दिन से घटाकर 5 दिन कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि आइसोलेशन के खर्च को बचाने और उन्हें झेलने वाली मुश्किलों को कम करने के लिए ये फैसला किया गया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह डिसीजन वैश्विक समुदाय में फिर से चीनी इकॉनॉमी के बारे में भरोसा जगाने के लिए किया गया है.
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