China Fertility Rate: बढ़ती जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है लेकिन चीन सरकार की परेशानी कुछ और ही है. एक आंकड़े के मुताबिक चीन की महिलाएं बच्चे नहीं पैदा करना चाहती हैं. महिलाओं की इस चाहत से शी जिनपिंग सरकार परेशान और हैरान दोनों है. सरकार जनसंख्या बढ़ाने के तरीकों पर काम कर रही है लेकिन बर्थ रेट में गिरावट चिंता की बड़ी वजह है.  में है. 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में फर्टिलिटी रेट 1.09 है यानी चीनी दंपति एक से अधिक बच्चा पैदा करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. चीन के जनसंख्या और विकास अनुसंधान केंद्र के आंकड़े इसे 100 मिलियन से अधिक आबादी वाले देशों में सबसे कम प्रजनन है. चीन की प्रजनन दर पहले से ही दक्षिण कोरिया, ताइवान, हांगकांग के साथ दुनिया की सबसे कम में से एक है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

6 दशकों में बूढ़ा हो गया चीन


छह दशकों में पहली बार जनसंख्या में गिरावट और तेजी से बूढ़ी होती आबादी से चीन की चिंता बढ़ गई है. जिनपिंग सरकार तत्काल वित्तीय प्रोत्साहन और बेहतर बाल देखभाल सुविधाओं सहित जन्म दर को बढ़ाने के लिए कई उपायों की कोशिश कर रहा है.राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मई में एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि इस विषय पर गंभीरता से चिंतन की जरूरत है. बता दें कि बेतहाशा जनसंख्या को देखते हुए चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी पर जोर दिया था. उस नीति को अमल में लाने के लिए सख्ती भी की थी हालांकि जब उसके नकारात्मक नतीजे सामने आने लगे तो जिनपिंग सरकार ने उस नीति को तलाक दे दिया. 


चीनी सरकार की बेअसर कोशिश


चीन ने कहा है कि वह जनसंख्या की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करेगा.आर्थिक विकास में किसी तरह की अड़चन ना आए इसके लिए मध्यम प्रजनन क्षमता स्तर बनाए रखने का प्रयास करेगा. बच्चों की देखभाल में अत्यधिक खर्च, करियर में ब्रेक की वजह से महिलाएं अधिक बच्चे पैदा करना नहीं चाहती हैं. इसके साथ ही लैंगिक भेदभाव और बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं की पारंपरिक रूढ़ियां अभी भी पूरे देश में व्यापक हैं. चीन अधिकारियों ने हाल के महीनों में बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी साझा करने पर पर जोर दिया है लेकिन अधिकांश प्रांतों में पितृत्व अवकाश अभी भी सीमित है.