North-East में सक्रिय उग्रवादी संगठनों पर China की खुफिया एजेंसी MSS की नजर, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हुईं अलर्ट
China: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि चीनी एजेंट भारत-म्यामांर सीमा के साथ-साथ नार्थ ईस्ट के राज्यों में सक्रिय उग्रवादी संगठनों से जुड़ी जानकारियों को हासिल करने में लगे हुए हैं.
China intelligence agency MSS: चीन की खुफिया एजेंसी एमएसएस (MSS) की नजर मणिपुर समेत नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों पर है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों (Indian Security Agencies) के सूत्रों से मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि चीनी एजेंट भारत-म्यामांर सीमा के साथ-साथ नार्थ ईस्ट के राज्यों में सक्रिय उग्रवादी संगठनों से जुड़ी जानकारियों को हासिल करने में लगे हुए हैं. भारतीय एजेंसियों को आशंका है कि नार्थ-ईस्ट से जुड़ी सीक्रेट इंटेलिजेंस इनपुट पाने के लिए MSS के एजेंट कुछ ऐसे नेपाली व्यापारियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकते हैं, जो आए दिन व्यापार के सिलसिले में नेपाल से नार्थ-ईस्ट आते जाते रहते हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब मणिपुर में हो रही हिंसा के पीछे विदेशी साजिश का शक जाहिर किया जा रहा है. नार्थ ईस्ट के उग्रवादी गुटों के पास बड़ी संख्या में चीनी हथियारों की मौजूदगी के बाद अब MSS की नई गतिविधियों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है.
चीन में बने हथियारों से फैलाई जा रही अशांति
Zee News को खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली एक्सूलिसिव जानकारी के मुताबिक मणिपुर समेत नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को बड़ी संख्या में चीनी हथियार पहुंचाए जा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों को शक है कि चीन के बने इन हथियारों का इस्तेमाल मणिपुर में आशांति फैलाने के लिए भी किया जा रहा है. मणिपुर में पिछले कई दिनों से जारी हिंसा में भी जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है, उनमें से कई चीन के बने हथियार हैं. खुफिया एजेंसियों को शक है कि म्यांमार-चीन बॉर्डर पर स्थित ब्लैक मार्केट से हथियारों को म्यांमार सीमा पर लाया जा रहा है, जहां से उन्हें मणिपुर में भी सप्लाई करने की साजिश हो रही है.
उग्रवादी कर रहे चीनी हथियारों का इस्तेमाल
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में जिन चीनी हथियारों का इस्तेमाल उग्रवादी गुट कर रहे हैं, उनमें चाइना मेड पिस्टल से लेकर एसाल्ट राइफल हैं. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि मणिपुर में हथियारों को भेजने के लिए उग्रवादी संगठन भारत-म्यांमार की खुली सीमा के जरिए हथियारों को भारतीय सीमा में सप्लाई कराने की साजिश में लगे हुए हैं. मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सीमा पर असम राइफल्स को अलर्ट कर दिया गया है और भारत म्यांमार के खुली सीमा पर लगातार नजर रखी जा रही है.
भारत की बढ़ती ताकत से परेशान है चीन
गलवान में भारतीय सेना के हाथों पीटा चीन भारत की बढ़ती ताकत से परेशान है. चीन भारत-नेपाल सीमा से लेकर भारत-म्यामांर सीमा से जुड़ी भारत की हर तैयारी से जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करने में लगा हुआ है. जिस तरह से चीनी हथियार नार्थ-ईस्ट में सक्रिय उग्रवादी गुटों तक पहुंच रहे हैं उससे ये शक गहराता जा रहा है कि क्या चीन भारत से गलवान में हुई हार का बदला ले रहा है?
शेयर किए जा रहे मणिपुर के फेक वीडियो
देखा जाए तो मणिपुर में लोगों को भड़काने के लिए कई फेक वीडियो भी शेयर किए जा रहे हैं, इनमें से कई ऐसे वीडियो हैं जिनका मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है. चीन के सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ मणिपुर हिंसा को लेकर काफी भड़काऊ बातें लिखी जा रही हैं. एक साजिश के तहत सैकड़ों की संख्या में मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़काऊ बातें लिखी जा रही हैं.
चीन के सोशल मीडिया Weibo पर लगातार मणिपुर हिंसा को लेकर वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. इनमें से कई ऐसे भी वीडियो हैं, जिनका मणिपुर हिंसा से कोई लेना देना भी नहीं है. चीनी सोशल मीडिया एकाउंट पर भारतीय सुरक्षा बलों और सेना पर मानव अधिकार हनन के भी आरोप लगाए जा रहे हैं.
चीन में चलाया जा रहा फर्जी हैशटैग
Weibo पर एक यूजर की तरफ से लिखा गया है कि मणिपुर के लोग भारतीय मिलिट्री पुलिस के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. चीन के कई यूजर्स #Manipur is not India और #China stands with Manipur जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ साजिश को हवा दे रहे हैं. खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीन से एक बड़ी साजिश के तहत मणिपुर को लेकर भारत के खिलाफ भड़काऊ बातें लिखी जा रही हैं.
उग्रवादी गुटों के पास बड़ी संख्या में हथियारों की पहुंच
जानकारों के मुताबिक, देश के पूर्वात्तर राज्यों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के पास बड़ी संख्या में हथियारों की पहुंच हो रही है, वो चिंता की बात है. मणिपुर में भी उग्रवादी गुट इन्हीं हथियारों की मदद से हिंसा फैला रहे हैं. इन उग्रवादियों को भी चीन के ब्लैक मार्किट से बड़ी आसानी से हथियार मिल रहे हैं. उग्रवादियों के कई कमांडरों के बारे में खुफिया जानकारी है कि वो चीन में छुपे हुए हैं. ऐसे में चीन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.