India China Relations: भारत की सीमाओं पर चीन के नापाक इरादों की एक बार फिर पोल खुली है. दरअसल बीजिंगि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अपनी ताकत बढ़ा रहा है. ताजा सेटेलाइट तस्वीरें में यह खुलासा हुआ है. मई 2020 में एलएसी पर सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से चीन ने सैनिकों की तेजी से तैनाती और हवाई क्षेत्रों, हेलीपैड, रेलवे सुविधाओं, मिसाइल ठिकानों, सड़कों और पुलों का बड़े पैमाने पर विस्तार किया है.


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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक होतान, न्गारी गुनसा और ल्हासा में सैटेलाइट इमेज के विश्लेषण से पता चलता है कि चीन ने यहां नए रनवे, लड़ाकू जेट को रखने के लिए नए डिजाइन शेल्टर और मिलिट्री ऑपरेशन बिल्डिंग का बड़े पैमाने पर निर्माण किया है.


इन तीन क्षेत्रों का है विशेष महत्व
इन तीन चीनी क्षेत्रों का विशेष महत्व है क्योंकि यह भारतीय पक्ष की सामरिक स्थिति के ठीक विपरीत दिशा में स्थित है और भारत के साथ गतिरोध के बीच इनका ऑपरेशंस में उपयोग किया गया था. बता दें जून 2020 में गालवान घाटी में एक क्रूर संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई. वहीं बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए. 45 वर्षों में एलएसी पर यह पहला ऐसा संघर्ष था जिसमें जिसमे किसी की जान गई.


भारतीय अधिकारियों ने इस जानकारी पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बता दें भारत चीन को कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए एलएसी पर सामान्य स्थिति आवश्यक है.


क्या दिखा इन तीन क्षेत्रों में?
दक्षिण-पश्चिमी झिंजियांग में होतान एयरफ़ील्ड केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह से लगभग 400 किमी की दूरी पर एक सीधी रेखा में स्थित है. होतान एयरफ़ील्ड का आखिरी बार विस्तार 2002 में किया गया था. जून 2020 की एक सैटेलाइट इमेज में एयरफ़ील्ड के पास के क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं दिखा था. लेकिन मई 2023 की एक सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि होटन एयरफ़ील्ड में एक नया रनवे, नए विमान और सैन्य संचालन सपोर्ट बिल्डिंग और एक नया एप्रन बन गया है. एयर फील्ड की हाल की सैटेलाइट इमेज में होतान से संचालित मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) दिखाए गए हैं.


तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में न्गारी गुनसा एयरफ़ील्ड पैंगोंग झील से सीधी रेखा में 200 किमी की दूरी पर स्थित है. एयरफ़ील्ड ने 2010 में परिचालन शुरू किया और डोकलाम में 2017 के गतिरोध के बाद इसका विस्तार किया गया.


जून 2020 की एक सैटेलाइट इमेज में लड़ाकू जेट के साथ केवल एक एयरक्राफ्ट एप्रन दिखाई दिया. इस साल मई की एक छवि एक नया टैक्सीवे और रनवे में सुधार दिखाती है. कम से कम 16 नए कठोर विमान शेल्टर, नए विमान और सैन्य संचालन सपोर्ट बिल्डिंग भी दिखाई दिए हैं.


तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की प्रशासनिक राजधानी ल्हासा का हवाईअड्डा लंबे समय से दोहरे उपयोग वाली सुविधा रहा है. हालांकि यह एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में नहीं है, यह तवांग से सीधी रेखा में 250 किमी से भी कम दूरी पर स्थित है.


मई 2020 की एक सैटेलाइट इमेज में मौजूदा एयरक्राफ्ट एप्रन पर कॉम्बैट जेट्स को दिखाया गया है. इस साल मई की एक इमेज में एक नया रनवे और निर्माणाधीन एक नया एप्रन, कम से कम 30 नए कठोर विमान शेल्टर और नई सहायक इमारतें दिखी हैं.