China News: चीनी नौसेना ने कथित तौर पर दुनिया की सबसे शक्तिशाली कॉइल गन का परीक्षण कर रही है. कॉइल गन एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय रूप से संचालित हथियार है जो बहुत तेज़ गति और सटीकता के साथ प्रोजेक्टाइल (गोले) लॉन्च करने में सक्षम है.


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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना में शामिल वैज्ञानिकों के अनुसार, पहली बार जनता के सामने आए फायरिंग परीक्षण में, विद्युत चुम्बकीय लांचर ने 124 किलोग्राम (273 पाउंड) के गोले को 0.05 सेकंड से भी कम समय में 700 किमी / घंटा (435 मील प्रति घंटे) की गति से फायर किया.


यह कॉइल गन में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे भारी ज्ञात गोला था. इतनी गति से चलने वाला एक गोला कई किलोमीटर दूर लक्ष्य को मार सकता है.


कैसे काम करती है कॉइल गन?
रिपोर्ट के मुताबिक कॉइल गन को गॉस गन या मैग्नेटिक एक्सीलेटर के रूप में भी जाना जाता है. हथियार में बंदूक की बैरल के साथ व्यवस्थित कॉइल्स की एक सीरीज होती है, जिनमें से प्रत्येक एक ‘स्टेज’ का निर्माण करती है.


प्रत्येक कॉइल को एक चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए एक के बाद एक सक्रिय किया जाता है जो एक गोले को ऊपर उठा सकता है और आगे बढ़ा सकता है.


प्रक्षेपण के दौरान गोला आमतौर पर कॉइल के केंद्र में लटका रहता है, जो इसे सीधे रास्ते पर रखने और बैरल की दीवार को छूने से रोकने में मदद करता है. इसे घटकों पर घिसाव पैदा किए बिना बार-बार और तेजी से जलाया जा सकता है.


आ सकता है युद्ध लड़ने के तरीके में बदलाव
रिपोर्ट के मुताबिक कॉइल गन युद्ध लड़ने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं, जिससे दुश्मन के ठिकानों पर तेज, अधिक सटीक और विनाशकारी हमले संभव हो सकेंगे. कॉइल गन मिसाइलें भी लॉन्च कर सकती हैं या उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज सकती हैं


हालांकि यह टेक्नॉलोजी दशकों से मौजूद है, लेकिन सामग्री विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स में चुनौतियों ने बड़े और शक्तिशाली मॉडल बनाना मुश्किल बना दिया है.


चीनी कॉइल गन के निकटतम प्रतिस्पर्धियों में से एक, संयुक्त राज्य अमेरिका में सैंडिया नेशनल लेबोरेटरीज में 120 मिमी-कैलिबर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉइल मोर्टार परीक्षण उपकरण, 18 किलोग्राम वजन वाले प्रोजेक्टाइल को फायर कर सकता है. यह अब तक निर्मित इन उपकरणों में से सबसे बड़े उपकरणों में से एक है.