China on UNHRC Report: मानवाधिकारों पर आइना दिखाना चीन (China) को रास नहीं आया है. उसने शिनजियांग के वीगर मुसलमानों (Uighur Muslims) और दूसरी जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. चीन ने यह भी कहा कि इस मामले में परिषद को कोई सहयोग नहीं देगा. ड्रैगन ने दावा किया कि उसके खिलाफ खास मंशा के साथ बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, जिनमें कोई सच्चाई नहीं है. 


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'चीन पर बेबुनियाद आरोप'


जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन (China) के राजदूत चेन जू ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि परिषद ने पिछले हफ्ते जारी रिपोर्ट में दावा किया था कि चीन की आतंकवाद विरोधी नीतियों के तहत कुछ अधिकारों का उल्लंघन मानवता के खिलाफ अपराध हो सकता है. यह चीन और उसके कार्यों पर बेबुनियाद आरोप है. 


'सहयोग नहीं करेगा चीन'


चेन ने यूएन जिनेवा प्रेस एसोसिएशन एसीएएनयू से बात करते हुए कहा, ‘परिषद का मानवाधिकार कार्यालय हमारे बारे में इस तरह की गलत मूल्यांकन रिपोर्ट जारी कर रहा है. ऐसे में हम कार्यालय के साथ सहयोग नहीं कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि चीन का मानना ​​​​है कि यह रिपोर्ट उसके हितों के लिए खतरा पैदा करती है. इसलिए वह उसके साथ कोई सहयोग नहीं कर सकता क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.


चीनी राजदूत ने कहा कि मानवाधिकार परिषद के साथ काम नहीं करने और विश्व संस्था के साथ सहयोग करने के बीच अंतर है. हम परिषद के साथ पहले की तरह काम तो रहेंगे लेकिन इस रिपोर्ट पर उसे कोई सहयोग नहीं देंगे. इस मामले में चीन का नजरिया एकदम स्पष्ट है और वह इससे एक कदम भी पीछे नहीं हटेगा. 


पिछले हफ्ते जारी हुई थी रिपोर्ट


बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की हाई कमिश्नर रहीं मिशेल बैचलेट ने 31 अगस्त को यह रिपोर्ट पेश की थी. परिषद में हाई कमिश्नर पद पर 31 अगस्त को उनका आखिरी दिन था. इस रिपोर्ट में उन्होंने चीन (China) पर वीगर मुसलमानों (Uighur Muslims)और दूसरे जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकार कुचलने का आरोप लगाया था. जिसके बाद चीन बिलबिला गया था और इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बता रहा था. 


(एजेंसी इनपुट भाषा)


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