नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं. पाकिस्तान की आर्मी ने भारी संख्या में SH-15 हॉवित्जर तोप का सौदा चाइना नॉर्दन इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के साथ किया है. खुफिया सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि पाक ये सब खरीददारी LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर हथियारों की तैनाती के लिए कर रहा है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान चीन से 236 SH-15 हॉवित्जर तोप खरीद रहा है.


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इसके अलावा पाकिस्तान, चीन से बैलून बॉर्न स्पाई राडार (Balloon-borne spy Radars) खरीद रहा है जिसे वह LoC पर तैनात करने की तैयारी में है. इन रडार के जरिए पाक आर्मी, भारतीय सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रख सकेगी.
 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर मीडियम एल्टीट्यूड और लंबे समय तक चलने वाले मानव रहित विमानों (UAV) को तैनात करने की योजना बना रहा है. सिक्योरिटी एंजेंसीज से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में तबाही मचाने के इरादे से बड़ी तादाद में चीन से कै होंग-4 (सीएच-4) यूएवी खरीदे हैं.


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ये जानकारी मिली है कि पाकिस्तान के ब्रिगेडियर मोहम्मद जफर इकबाल की अगुवाई में पाकिस्तानी सेना की 10 सदस्यीय टीम ने खरीद प्रक्रिया की समीक्षा के लिए चीन का दौरा किया है. पाकिस्तानी आर्मी की टीम हाल ही में एयरोस्पेस लॉन्ग मार्च इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी (एएलआईटी) से खरीदे गए सामानों के फैक्ट्री एक्सपेक्टेंस टेस्ट के लिए चीन गई थी.


ब्रिगेडियर इकबाल ने इससे पहले दिसंबर 2019 में पहली खेप के फैक्ट्री एक्सपेक्टेंस टेस्ट के लिए चीन का दौरा किया था, जिसके लिए डिलीवरी 2020 में शुरू होनी थी. सीएच-4 का वजन 1200 से 1300 किलो होता है, अलग-अलग वैरिएंट का वजन अलग-अलग होता है. ये पेलोड की एक बड़ी सीरीज भी ले जा सकता है. ये यूएवी पहले से ही इराकी आर्मी और रॉयल जॉर्डनियन एयरफोर्स जैसी सेनाओं में शामिल हो चुका है.


कुछ दिनों पहले खुफिया रिपोर्ट्स से खुलासा हुआ था कि पाकिस्तानी आर्मी के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के कमांडोज अफगानिस्तान के एक गुप्त स्थान पर तालिबानी और अफगानी आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस रिपोर्ट में आगे बताया कि ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में गश्त करती सेना की टुकड़ियों और सैन्य छावनियों पर हमला करने की योजना बना रहे हैं.


रिपोर्ट में तो ये तक दावा किया गया है कि घाटी में आतंकी हमले शुरू करने और पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ को आसान बनाने के लिए कश्मीर के कई आतंकी संगठन आपस में एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे थे. 


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