India-China: पूर्वी लद्दाख में सैन्य विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच में 16 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है. लेकिन चीन (China) का मामले के समाधान का कोई मूड नहीं दिख रहा है. वह इस बातचीत का इस्तेमाल एलएसी पर अपनी स्थिति मजबूत करने में कर रहा है. चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हाल में LAC के पास शिनजियांग इलाके में एडवांस्ड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) की टेस्टिंग की है. ऊंचे पहाड़ पर युद्ध के लिए बनाया गया यह रॉकेट सिस्टम LAC पर भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है. 


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शिनजियांग में रॉकेट माइन बिछाने की ड्रिल


चीन (China) के सरकारी मीडिया ने बताया कि चीन जल्द ही भारत-चीन सीमा पर PHL-16 MLRS को तैनात करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इतना ही नहीं PLA ने झिंजियांग इलाके में एक नए प्रकार के रॉकेट माइन-बिछाने वाले वाहन की लाइव फायर ड्रिल भी की. 


चीन के सरकारी मीडिया नेटवर्क CCTV ने बुधवार को 33 सेकंड का एक वीडियो जारी किया, जिसमें चीनी सैनिक पैंगोंग झील पर कब्जे के लिए हेलीकॉप्टरों से हमले की प्रैक्टिस करते दिखाई दिए. यह वीडियो भारत और चीन के बीच 16 वें दौर की सैन्य वार्ता के कुछ घंटों बाद ही सामने आया है, जिसे भारत को उकसाने वाली कार्रवाई माना जा रहा है. 


पैंगोंग झील पर एकतरफा कब्जे की प्रैक्टिस


इस वीडियो में पीएलए की शिनजियांग मिलिट्री कमांड से जुड़ी आर्मी एविएशन ब्रिगेड को दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील, पैंगोंग झील पर कब्जा करने का अभ्यास करते हुए दिखाया गया है. चीन के राज्य मीडिया ने बताया कि इस ड्रिल में पहली बार जेड -10 अटैक हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया. इससे पहले चीनी सैनिक (PLA) पैट्रोलिंग के लए केवल ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों का ही इस्तेमाल करते थे.


PP-15 पर निकल सकती है राह


इससे पहले सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता में भी गतिरोध दूर करने का कोई मार्ग नहीं निकल सका. हालांकि दोनों पक्षों ने बातचीत को आगे भी जारी रखने पर अपनी सहमति जताई. सैन्य सूत्रों का कहना है कि अगर भविष्य में बातचीत सफल रही तो दोनों पक्ष PP-15 पर गतिरोध दूर कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि ऐसे में भारतीय सेना PP-15 पर थोड़ा पीछे हटकर करम सिंह हिल की ओर दक्षिण पूर्व दिशा में मूव कर सकती है. वहीं चीनी सेना (PLA) भी पीछे हटकर LAC पर अपनी दिशा में बने पॉइंट 5170 हिल पर वापस लौट सकती है. 


LAC पर दोनों के 1 लाख सैनिक तैनात


बताते चलें कि चीनी सेना ने सैन्य अभ्यास की आड़ में अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख इलाके में एलएसी पर कई स्थानों का अतिक्रमण कर लिया था. जब भारत ने उससे अपने सैनिक पीछे बुलाने को कहा तो उसने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही भारी हथियारों की भी तैनाती कर दी. इसके जवाब में भारत ने भी आधुनिक हथियारों के साथ करीब 50 हजार सैनिकों को पूर्वी लद्दाख इलाके में तैनात कर दिया. तब से दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने जमे हुए हैं. 


अब चीन की सीमा में युद्ध लड़ेगा भारत


भारत (Indian Army) ने पाकिस्तान पर अटैक के लिए बनाई गई अपनी मथुरा स्थित स्ट्राइक-1 कोर की जिम्मेदारी बदलते हुए उसे भी चीन सीमा पर लगा दिया है. इस कोर में करीब 90 हजार सैनिक हैं. इस कोर का गठन दुश्मन के इलाके में घुसकर उसकी सरजमीन पर कब्जा करने के लिए हुआ है. यानी कि चीन ने अब कोई गुस्ताखी की तो युद्ध भारत की सीमा में नहीं बल्कि दुश्मन की सीमा में जाकर लड़ा जाएगा. इसके लिए भारत की ओर से भी जवाबी तैयारियां लगातार जारी हैं. 


लगातार नए हथियारों की कर रहा टेस्टिंग


इसके साथ ही एलएसी पर तैनात सभी यूनिटों को नियमित रूप से पीएलए की गतिविधियों पर नजर रखने और वार ड्रिल करते रहने का भी आदेश दिया गया है. तीनों सेनाएं एलएसी से लेकर समुद्र तक लगातार नए-नए हथियारों का टेस्ट कर चीन से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. माना जा रहा है कि भारत (Indian Army) की इन्हीं जवाबी तैयारियों की वजह से चीन परेशान है और लद्दाख में आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. 


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