पाकिस्तानी मीडिया पर पूरा कंट्रोल हासिल करना चाहता है चीन, रिपोर्ट में खुलासा
China-Pakistan Relations: अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में, आरोप लगाया कि चीन विदेशी सूचना हेरफेर प्रयासों पर सालाना अरबों डॉलर खर्च करता है. बीजिंग चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने के लिए झूठी या पक्षपातपूर्ण जानकारी का उपयोग करता है.
World News In Hindi: चीन ने मीडिया पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियानों का एक जाल विकसित किया है और वह पाकिस्तानी मीडिया पर महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करना चाहता है. एक आधिकारिक अमेरिकी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. पीटीआई के मुताबिक विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सूचना क्षेत्र में रूस के साथ मिलकर काम करने के अलावा, चीन ने विरोधी नैरेटिव का मुकाबला करने के लिए अन्य करीबी साझेदारों को शामिल करने का प्रयास किया है जिनमें पाकिस्तान प्रमुख है.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'पाकिस्तान के साथ, बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मीडिया फोरम सहित 'दुष्प्रचार से निपटने' पर सहयोग को गहरा करने की मांग की है.'
बीजिंग और इस्लामाबाद मीडिया फोरम का उपयोग उन चीजों को संबोधित करने के लिए करते हैं जिन्हें वे प्रचार और 'दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार' के रूप में देखते हैं. उन्होंने 'सीपीईसी रैपिड रिस्पांस इंफॉर्मेशन नेटवर्क' जैसी पहल शुरू की है और हाल ही में, चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर (सीपीएमसी) शुरू करने का वादा किया है.
चीने ने की बातचीत की मांग
2021 में विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी मीडिया पर महत्वपूर्ण नियंत्रण के लिए बातचीत करने की मांग की, जिसमें पाकिस्तान के सूचना वातावरण की निगरानी और आकार देने के लिए संयुक्त रूप से संचालित 'नर्व सेंटर' की स्थापना भी शामिल है.
इसमें कहा गया है कि प्रस्ताव [जिस पर इस्लामाबाद ने गंभीरता से विचार नहीं किया है] के दायरे में जिन तंत्रों का विवरण दिया गया है, वे बीजिंग को असमान रूप से लाभ पहुंचाते हैं, यह एक करीबी साझेदार के घरेलू सूचना वातावरण पर प्रत्यक्ष नियंत्रण ग्रहण करने की बीजिंग की महत्वाकांक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है.
सूचनाओं पर निगरानी के लिए नर्व सेंटर बनाने का प्रस्ताव
चीन के मसौदा अवधारणा पत्र में चीन और पाकिस्तान सरकारों से थिंक टैंक, ओपिनियन लीडर्स, सीपीईसी अध्ययन केंद्रों, मीडिया संगठनों, पीआरसी कंपनियों और यहां तक कि स्थानीय कन्फ्यूशियस संस्थानों से इनपुट को सुव्यवस्थित करके पाकिस्तान के सूचना वातावरण की निगरानी के लिए एक 'नर्व सेंटर' स्थापित करने का आह्वान किया गया.
चीन खर्च करता है अरबों डॉलर
अपनी रिपोर्ट में, विदेश विभाग ने आरोप लगाया कि चीन विदेशी सूचना हेरफेर प्रयासों पर सालाना अरबों डॉलर खर्च करता है. बीजिंग चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने के लिए झूठी या पक्षपातपूर्ण जानकारी का उपयोग करता है.
(इनपुट - एजेंसी)