नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) में तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है. चीन के चरित्र और हरकतों को देखकर भारतीय सेना (Indian Army) ने LAC पर अपनी तैयारी बढ़ा दी है. पूर्वी लद्दाख में तोपों की तैनाती बढ़ा दी गई है. इस बीच भारतीय सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी दिल्ली पहुंच गए हैं. हालात बिगड़ने के संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि चीन की सेना पैंगोंग में फिंगर-4 (Finger-4) से पीछे हटने से इनकार कर दिया है. इधर, LAC पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) कल से लद्दाख के दौरे पर होंगे. 


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LAC पर तनाव लंबा चलेगा
चीन की सेना पैंगोंग में पीछे हटने को तैयार नहीं है. फिंगर-4 से हटने को चीन की सेना तैयार नहीं है. चुशूल में दोनों देशों के बीच चौथी कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. यह बातचीत 14 घंटे से ज्यादा चली थी. गलवान, हॉटस्प्रिंग्स और गोगरा से सैनिकों के हटने पर सहमति बनी थी. भारत की मांग है कि चीन के सैनिक इलाके से पूरी तरह से हटें.


भारत सेना अलर्ट
भारतीय सेना भी पूरी तरह से तैयार है. चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने पूर्वी लद्दाख में 60 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है. भारत ने भीष्म टैंक, अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर, सुखोई फाइटर जेट, शिनूक और 'रुद्र' युद्धक हेलीकॉप्टर की तैनाती कर दी है. पूर्वी लद्दाख में भारत ने तोपों की तैनाती बढ़ा दी है.


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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कल दो दिनों के दौरे पर जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख जाएंगे. रक्षामंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी होंगे. रक्षामंत्री LAC के फॉरवर्ड ब्लॉक पर सेना की तैयारी की समीक्षा करेंगे. 2 हफ्ते के अंदर पहले प्रधानमंत्री मोदी और अब राजनाथ सिंह के लद्दाख दौरे से चीन को बहुत स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है.