इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार को बताया ‘कमजोर’, बातचीत से किया इनकार
Imran Khan News: पीटीआई चीफ और पूर्व पीएम इमरान खान ने यह भी कहा कि वह प्रतिशोध में विश्वास नहीं करते हैं और अगर सत्ता में दोबारा आए तो कानून का शासन स्थापित करने का प्रयास करेंगे।
Pakistan Politics: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार के साथ बातचीत से इनकार किया है. हालांकि सैन्य प्रतिष्ठान के साथ वार्ता शुरू करने के लिए उत्सुकता दिखाई। समाचार पत्र डॉन ने यह जानकारी दी है.
कई मामलों के संबंध में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में पेश होने के बाद सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि सत्ताधारी शासकों सहित राजनीतिज्ञ ‘शक्तिहीन’ हैं और उनके पास संवाद करने का अधिकार नहीं है।
‘अगर सत्ता मैं आए तो’
क्रिकेट से राजनीति में आए खान ने यह भी कहा कि वह प्रतिशोध में विश्वास नहीं करते हैं और अगर सत्ता में दोबारा आए तो कानून का शासन स्थापित करने का प्रयास करेंगे।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने प्रस्ताव किया पारित
बता दें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को एक और झटका देते हुए एक प्रस्ताव पारित कर नौ मई की हिंसा में शामिल राजनीतिक दल और उसके नेता के खिलाफ कड़े सैन्य कानून के तहत त्वरित कार्रवाई की मांग की. नेशनल असेंबली के आधिकारिक हैंडल ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा निचले सदन में प्रस्ताव पेश किया गया, जो बहुमत से पारित हो गया.
प्रस्ताव के अनुसार, एक राजनीतिक दल और उसके नेताओं ने नौ मई को सभी हदें पार कर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए, जिससे देश के संस्थानों और देश को अपूरणीय क्षति हुई. खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी का नाम लिए बगैर प्रस्ताव में मांग की गई है कि कानून और संविधान के अनुसार ऐसे सभी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
खान की गिरफ्तारी के बाद हुए थे हिंसक प्रदर्शन
नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था.
पूर्व प्रधानमंत्री खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. खान (70) देशभर में 100 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.
(इनपुट – न्यूज एजेंसी भाषा)