इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को नई चिंता सता रही है. हाल ही में हुए एक धार्मिक आयोजन में उन्होंने देशवासियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया. इमरान खान ने कहा कि अगर देश को सही मायने में तरक्की करनी है तो समाज को नैतिकता का स्तर ऊंचा करना होगा. रहमतुल-इल-अलामीन प्रशासन (Rehmatul-lil-Alameen Authority) की स्थापना करते हुए इमरान खान ने कहा कि इस संस्थान का मकसद इस्लाम (Islam) की सच्ची छवि को दुनिया के सामने रखना है.


इमरान खान के डर की वजह


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इमरान खान ने अपने संबोधन में पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के असर और चीन की एंटी करप्शन पॉलिसी को लेकर भी चर्चा की. इमरान खान ने रहमतुल-इल-अलामीन प्रशासन की स्थापना का मकसद बताते हुए कहा कि इस संस्थान से जुड़े स्कॉलर्स ये फैसला भी लेंगे कि बच्चों को स्कूलों में क्या पढ़ाया जाना है. पाकिस्तानी पीएम ने इन्हीं स्कॉलर्स के जरिए मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़ी चुनौतियों से निपटने की बात कही गई.


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'नैतिकता का पाठ'


न्यूज़ वेबसाइट द न्यूज़ डॉट कॉम में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने कहा, 'कोई देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता है जब तक उसके नैतिकता के पैमाने कमजोर होंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसी समाज को भ्रष्टाचार से दिक्कत नहीं है तो वो समाज आखिरी तरक्की कैसे कर सकता है? पूरे समाज को भ्रष्टाचार से लड़ना चाहिए.


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चीन के रास्ते पर चल पाएंगे इमरान खान?


इमरान खान ने इसी दौरान चीन (China) की तारीफ करते हुए कहा, 'चीन में हजारों-हजार लोगों को भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की कैद सुनाई गई और देखिए कि चीन कितना शक्तिशाली देश बनकर उभरा. कोई आपके देश को लूटकर भागता है और लंदन में लोग उन पर फूल बरसा रहे होते हैं. आखिर ऐसा समाज दुनिया में कैसे आगे बढ़ पाएगा.'