Pakistan News: अमेरिका की मशहूर TIME मैगजीन ने कवर पेज पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जगह दी है. इससे पहले भी इमरान इस मैगजीन के कवर पेज पर नजर आ चुके हैं.मैगजीन का यह एडिशन मई में रिलीज होगा.  इस प्रतिष्ठित मैगजीन के कवर पेज पर इमरान खान की तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है- The Astonishing Saga of Imran Khan. इसका मतलब है इमरान खान की विस्मयकारी गाथा. 


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इमरान खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष हैं. उनकी पार्टी के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने टाइम मैगजीन के इस कवर को पेज को ट्विटर पर शेयर किया है. जनवरी 2020 में भी टाइम मैगजीन के कवर पेज पर इमरान खान नजर आए थे. उस वक्त वह प्रधानमंत्री थे. तब वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के लिए स्पेशल एडिशन लॉन्च किया गया था, उसमें इमरान खान को जगह मिली थी. 



आर्थिक मोर्चे पर पाक पस्त


 TIME मैगजीन को दिए इंटरव्यू में  इमरान खान ने पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक हालातों पर बातचीत की है. इमरान खान को करीब एक साल पहले सत्ता से बेदखल किया गया था. पाकिस्तान इस वक्त भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. चाहे आसमान छूती महंगाई हो या फिर विदेशी मुद्रा भंडार की कमी, खाद्य पदार्थ हों या फिर तेल की बढ़ी हुई कीमतें. 


अप्रैल 2022 में इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया था. अब देश में वक्त से पहले चुनाव कराने के लिए इमरान खान रैली कर रहे हैं. TIME मैगजीन को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, 'चुनाव के जरिए पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता आती है. चुनाव इसलिए जरूरी हैं ताकि देश में स्थिरता आए.'


 समर्थकों को नहीं आया रास


लेकिन, टाइम मैगजीन का कवर पेज उनके फैंस को रास नहीं आ रहा है. इमरान का इंटरव्यू चार्ल्स कैंपबेल ने लिया है. अब उनके फैंस कैंपबेल और TIME मैगजीन लोगों पर हमलावर हैं.  मैगजीन ने पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही स्थितियों का आकलन किया है. इसमें इमरान खान की तारीफ और आलोचना दोनों हुई है. इसके अलावा पाकिस्तान और इमरान खान के भविष्य पर भी इसमें लिखा गया है.



इमरान के दावे पर मैगजीन ने ये लिखा


इमरान खान ने इंटरव्यू में कहा कि अगर पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारना है तो वक्त से पहले ही चुनाव कराना इकलौता उपाय है. इस पर टाइम मैगजीन ने लिखा है कि पाकिस्तान दुनिया में पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. लेकिन इस देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 4.6 बिलियन डॉलर ही हैं. अगर इसको विभाजित भी करें तो प्रति व्यक्ति सिर्फ 20 डॉलर हैं.  लिहाजा सिर्फ चुनाव ही समाधान नहीं है.



पीटीआई के सपोर्टर बिया आघा ने ट्वीट में लिखा कि फैक्ट्स में उलझाकर और उसकी आड़ में कैसे किसी का अपमान किया जाता है, यह उसका शानदार उदाहरण है.


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