India-China: चीन को भारत दे सकता है बड़ा झटका, इस क्षेत्र में सरकार ने तेज की जांच, जानें पूरा मामला
India-China relation: भारत ने एक घरेलू कंपनी की शिकायत के बाद देश में चीन से फ्लास्क और बोतल की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है. इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को पड़ोसी देश से ‘वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क या स्टेनलेस स्टील के बर्तन’ के सस्ते आयात से संरक्षण देना है.
India-China relation: भारत ने एक घरेलू कंपनी की शिकायत के बाद देश में चीन से फ्लास्क और बोतल की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है. इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को पड़ोसी देश से ‘वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क या स्टेनलेस स्टील के बर्तन’ के सस्ते आयात से संरक्षण देना है. प्लासेरो इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई. शिकायत के अनुसार, डंप किए गए आयात में वृद्धि से घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है.
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) चीन में बनाए जाने वाले या वहां से निर्यात होने वाले इन उत्पादों की डंपिंग की जांच कर रहा है. फ्लास्क, कप, बोतलें, केतली, कैफे (ग्लास कंटेनर) और डिस्पेंसर जैसे उत्पाद जांच के दायरे में हैं.
डीजीटीआर की अधिसूचना के अनुसार, चीन से डंप किए गए आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचने के प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं. अधिसूचना में कहा गया, ‘इस वजह से प्राधिकरण आयात पर डंपिंग-रोधी जांच शुरू करता है.’
यदि यह पाया गया कि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को वास्तव में नुकसान पहुंचा है, तो डीजीटीआर इन आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा. वित्त मंत्रालय शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय लेता है. सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए देशों द्वारा डंपिंग रोधी जांच की जाती है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)