Pakistan की Army के खिलाफ बगावत पर उतरे पत्रकार Hamid Mir, कहा- मैं राजद्रोह के केस के लिए तैयार
Pakistani Journalist Hamid Mir: खबर है कि पाकिस्तानी आर्मी जल्द ही हामिद मीर के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करवा सकती है. हामिद मीर ने कहा कि हम एक खास माइंडसेट के खिलाफ लड़ रहे हैं.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की मीडिया वहां की आर्मी की घेराबंदी कर रही है, इस बार इसका नेतृत्व मशहूर पत्रकार हामिद मीर (Hamid Mir) कर रहे हैं. हामिद मीर टीवी चैनल जियो के नामी शो 'कैपिटल टॉक' के एंकर हैं.
हामिद पर आर्मी के खिलाफ बयानबाजी का आरोप
पिछले दिनों हामिद मीर (Journalist Hamid Mir) एक पत्रकार पर हुए हमले के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे. फिर उनके ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने पाकिस्तानी आर्मी (Pakistani Army) के खिलाफ बयानबाजी की. इसके तुरंत बाद हामिद मीर को उनके चैनल ने ऑफ एयर कर दिया. जिन अखबारों में उनके आर्टिकल छपते थे, उन्होंने भी छापने से मना कर दिया गया.
राजद्रोह के केस में फंसा सकती है पाकिस्तानी आर्मी
सूत्रों के मुताबिक, इस सबके पीछे पाकिस्तानी आर्मी का हाथ है. खबर ये भी है कि आर्मी जल्द ही हामिद मीर के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करवा सकती है. इस बीच हामिद मीर ने दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया और अपने ऊपर लगे आरोपों पर खुलकर बात की.
हामिद मीर ने कहा कि हम आर्मी के खिलाफ नहीं हैं. मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही है जो किसी संस्था के खिलाफ जंग छेड़ने की हो. हम एक खास माइंडसेट के खिलाफ लड़ रहे हैं.
आवाज उठाने पर गई हामिद मीर की नौकरी
उन्होंने आगे कहा कि चैनल के मैनेजमेंट पर बहुत दबाव था. चैनल की ओर से मुझे पहले कभी कोई शोकॉज नोटिस नहीं दिया गया क्योंकि मैंने कभी उस प्लेटफार्म का ऐसा इस्तेमाल नहीं किया, जिससे उन्हें कोई कार्रवाई करनी पड़े.
हामिद मीर ने कहा कि मैं पहले भी दो बार नौकरी गवां चुका हूं. पहली बार 1994 में जब बेनजीर प्रधानमंत्री थीं और दूसरी बार 1997 में तब जब नवाज शरीफ PM थे. मुझे एक न्यूजपेपर से निकाल दिया गया, लेकिन दूसरी जगह आसानी से जॉब मिल गई. मुशर्रफ के शासन काल में भी दो बार मेरी TV एंकरिंग बैन हुई. हालांकि, मुझे न्यूज पेपर में लिखने से नहीं रोका गया, लेकिन इस बार TV और न्यूज पेपर दोनों से मुझे बैन किया गया है.
किसी नियामक संस्था या कोर्ट ने मुझे लिखित में कोई नोटिस नहीं जारी किया है. डेली जंग ने मेरा कॉलम पब्लिश करना बंद कर दिया है. पहले की हुकूमत और मौजूदा सरकार में इसी से फर्क समझा जा सकता है. मुझे मास मीडिया के हर फॉर्म में बैन कर दिया गया है. मीडिया लगातार स्वतंत्रता खो रहा है और प्रधानमंत्री इमरान खान लाचार हैं. मैं राजद्रोह के केस के लिए भी तैयार हूं.
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