Latest Report on China Taiwan War: चीन में तानाशाही शासन कर रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की स्थापना को वर्ष 2027 में 100 साल पूरे हो जाएंगे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति अपनी पार्टी के शताब्दी वर्ष से पहले एक बड़ा काम करके इतिहास में अपना नाम लिखवाना चाहते हैं. वे वर्ष 2027 से पहले ताइवान पर हमला कर उसे चीन में मिलाना चाहते हैं. अगर उन्होंने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए ताइवान पर हमला कर दिया तो उसका अंजाम क्या होगा. जापान और अमेरिका उस हमले पर क्या प्रतिक्रिया देंगे. युद्ध के बाद चीन की क्या स्थिति होगी. इस पर एक डरावनी रिपोर्ट सामने आई है, जिसे पढ़कर आप भविष्य के हालात का अंदाजा लगा पाएंगे. 


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अमेरिकी थिंक टैंक ने तैयार की रिपोर्ट


अमेरिका के एक थिंक टैंक सेंटर फॉर स्‍ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्‍टडीज (CSIS) ने  'द फर्स्‍ट बैटल ऑफ द नेक्‍स्‍ट वॉर' नाम से इस रिपोर्ट को तैयार किया है. इस रिपोर्ट में ताइवान मुद्दे (China Taiwan War) पर एक वॉर गेम जैसी स्थिति को दर्शाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो यह केवल 2 देशों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें अमेरिका और उसके सहयोगी जापान भी खुलकर शामिल होंगे. जब युद्ध खत्म होगा तो अमेरिका की ताकत काफी हद तक कम हो चुकी होगी और वह दुनिया की एकमात्र महाशक्ति का दर्जा कई सालों तक के लिए गंवा बैठेगा. वहीं जापान और ताइवान लगभग पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.


पूरी तरह तबाह हो जाएगा चीन


चीन की हालत भी बहुत अच्छी नहीं होगी. जिस नेवी पर वह बहुत घमंड करता है, वह पूरी तरह बर्बाद हो चुकी होगी. उसके कई शहरों का नाम मिट चुका होगा. उसकी अर्थव्यवस्था और बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान तबाह हो चुके होंगे.जंग में उसके 138 युद्धपोत और 155 फाइटर एयरक्राफ्ट पूरी तरह तबाह हो जाएंगे.  इस युद्ध में चीन (China Taiwan War) के करीब 10 हजार से ज्यादा सैनिक मारे जाएंगे और लगभग इतने ही युद्ध बंदी बना लिए जाएंगे. 


वर्ष 2026 में हो सकता है हमला


रिपोर्ट तैयार करने वाले अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वर्ष 2026 में ताइवान पर हमले (China Taiwan War) को अंजाम दे सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह युद्ध बेहद विनाशकारी होगा. ताइवान की रक्षा के लिए जापान की सेना आगे बढ़ेगी, जिससे चीन उस पर भी हमला कर देगा. इसके बाद जापान के साथ रक्षा संधि होने की वजह से अमेरिका भी युद्ध में कूद पड़ेगा. इसके चलते यह युद्ध हजारों सैनिकों और आम नागरिकों की मौत की वजह बन जाएगा. इस जंग में अमेरिका, जापान, ताइवान और चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. 


केवल 3 हफ्ते में खत्म हो जाएगी जंग


थिंक टैंक के अनुसार इस युद्ध (China Taiwan War) में चीन के मिसाइल अटैक के कारण कम से कम दो अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर प्रशांत महासागर में डूब जाएंगे. उसके करीब 3200 सैनिकों को युद्ध में जान गंवानी पड़ेगी और करीब इतने ही सैनिक युद्धबंदी बना लिए जाएंगे. अमेरिका और जापान के सैकड़ों युद्धपोत, फाइटर जेट और ड्रोन इस हमले में तबाह हो जाएंगे. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि यह युद्ध बहुत तेज और भीषण होगा. यह जंग केवल 3 हफ्ते चलेगी और उसमें अमेरिका का महाशक्ति का दर्जा कई साल तक के लिए खो जाएगा.


चीन में मिट जाएगा CCP का शासन


रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी भारी कीमत चुकाने के बावजूद चीन ताइवान (China Taiwan War) पर कब्जा नहीं कर पाएगा. इस विफलता और देश में भारी तबाही की वजह से लोग चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ सड़कों पर निकल आएंगे और शी जिनपिंग समेत CCP से जुड़े नेताओं के खिलाफ विद्रोह कर देंगे. बड़ी संख्या में सीसीपी नेता इस विद्रोह में मारे जाएंगे. अंतत: देश में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शासन खत्म हो जाएगा और दुनिया में एक नए लोकतांत्रिक देश का उदय होगा. 


भारत करेगा नए युग का निर्माण


इस रिपोर्ट में भारत की भूमिका के बारे में कुछ नहीं बताया गया है लेकिन माना जाता है कि भारत इस जंग (China Taiwan War) में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेगा बल्कि अमेरिका और जापान को लॉजिस्टिक सपोर्ट करेगा. युद्ध के बाद चीन और जापान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे. जबकि अमेरिका का महाशक्ति का दर्जा छिन जाएगा. ऐसा में वह समय भारत के लिए स्वर्ण युग हो सकता है. जिसमें भारत अपनी बुद्धिमता और समझदारी से दुनिया का नेतृत्व करते हुए एक नए युग का निर्माण करेगा. 


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