Malayan Sun Bear: पूर्वी चीन के एक चिड़ियाघर ने उन दावों का खंडन किया है कि उसके कुछ लोग भालू की पोशाक पहने हुए चिड़ियाघर में घूम रहे थे. एक मलायन सन भालू (Malayan Sun Bear) के अपने पिछले पैरों पर खड़े होने और बिल्कुल मानव जैसे व्यवहार करने के वीडियो वायरल हो गए थे. इन्हें लेकर चीनी सोशल मीडिया पर अफवाहों और साजिश की अटकलें लगने लगी.


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‘एंजेला’ नामक सन भालू की तरफ लिखे गए एक बयान में, हांग्जो चिड़ियाघर के अधिकारियों ने कहा कि लोग इस प्रजाति को ‘समझ नहीं पाए.’


मैं सन भालू एंजेला हूं
बयान में कहा गया है, ‘मैं सन भालू एंजेला हूं - मुझे कल काम के बाद चिड़ियाघर के प्रमुख से फोन आया और पूछा कि क्या मैं आलसी हूं और आज काम छोड़ दिया और मेरी जगह लेने के लिए एक इंसान को ढूंढ लिया. मैं सभी को फिर से दोहरा दूं कि मैं एक सन भालू हूं - काला भालू नहीं, कुत्ता नहीं - एक सन भालू!’


लोकप्रिय चीनी माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर शेयर किए गए वीडियो में एक सन बियर को एक चट्टान पर सीधा खड़ा होकर अपने बाड़े से बाहर देखते हुए देखा गया.


कई वीबो यूजर्स ने जानवर की सीधी मुद्रा, साथ ही उसके पीछे ढीले बालों की परतों को नोट किया - जिससे भालू कुछ अजीब लग रहा है और अटकलें लगाई जाने लगी कि कोई मानव उसके भेष में है. हालांकि यह कोशिश अविश्वसनीय लग सकती है लेकिन चीन के चिड़ियाघरों को अतीत में कुत्तों जैसे पालतू जानवरों को जंगली जानवर बताने की कोशिश के कारण सार्वजनिक उपहास का सामना करना पड़ा है.


2013 में, मध्य हेनान प्रांत के एक शहर के चिड़ियाघर ने एक तिब्बती मास्टिफ़ कुत्ते को शेर बताने की कोशिश करके विजिटर्स को नाराज कर दिया था. जो पर्यटक बाड़े के पास पहुंचे थे, उन्होंने ‘शेर’ की जगह भौंकने की आवाज़ सुनकर आश्चर्य व्यक्त किया.


सिचुआन प्रांत में एक अन्य चीनी चिड़ियाघर में पर्यटक अफ्रीकी शेर के बाड़े के रूप में लेबल किए गए पिंजरे में एक गोल्डन रिट्रीवर को बैठा देखकर हैरान रह गए थे.


विश्व के सबसे छोटे भालू खतरे में
दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय जंगलों के मूल निवासी, सन भालू दुनिया की सबसे छोटी भालू प्रजाति हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वयस्क भालू 70 सेंटीमीटर (28 इंच) तक हाइट होती है और उनका वजन 25 से 65 किलोग्राम (55 से 143 पाउंड) के बीच होता है.


वे शीतनिद्रा में नहीं रहते हैं और उनकी छाती पर एम्बर रंग के अर्धचंद्राकार फर के धब्बे और लंबी जीभ भी होती है जो उन्हें मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने में मदद करती है - जिससे उन्हें मलेशिया और इंडोनेशिया में ‘बेरुआंग मदु’ (शहद भालू) नाम मिलता है.


मलेशिया के सबा में विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और बोर्नियन सन बियर कंजर्वेशन सेंटर (बीएससीसी) जैसे संरक्षण समूहों के अनुसार, शिकारियों और वनों की कटाई के कारण जंगल में उनकी संख्या खतरे में है, पिछले तीन दशकों में 35% की गिरावट आई है. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा सूर्य भालू को असुरक्षित के रूप में लिस्ट किया गया है.