इस्लामाबाद: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरयम नवाज (Pakistan Muslim League-Nawaz Vice President Maryam Nawaz) और उनकी पार्टी के 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. मरयम और उनके कार्यकर्ताओं पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर कथित हमले और उपद्रव का आरोप है. 


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भ्रष्टाचार रोधी इकाई राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के लाहौर स्थित कार्यालय के बाहर पुलिस के साथ कथित संघर्ष को लेकर पीएमएल-एन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ तीन सप्ताह पहले दर्ज प्राथमिकी में अब आतंकवाद रोधी कानून (ATA) 1997 की धारा सात भी जोड़ी गई है. यह घटना उस वक्त हुई जब मरयम भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में यहां पहुंची थीं.  


कार्रवाई के पीछे इमरान खान
पीएमएल-एन ने FIR में आतंकवाद के आरोप शामिल करने का विरोध किया है. उसका कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के इशारे पर यह किया गया है. पार्टी सांसद अज्मा बुखारी (Azma Bokhari) ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘मरयम नवाज के सक्रिय राजनीति में उतरने से इमरान खान हतोत्साहित हैं. पहले उनके इशारे पर NAB ने मरयम को झूठे जमीन संबंधी मामले में फंसाया और अब पुलिस ने उनके तथा पीएमएल-एन के अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े आरोप लगाए हैं’.


11 अगस्त की घटना
मरयम के पति सेवानिवृत्त कैप्टन सफदर सहित पीएमएल-एन के अधिकांश नेता जमानत पर हैं, लेकिन मरयम को इस मामले में जमानत लेनी बाकी है. बुखारी ने कहा कि पार्टी FIR में आतंकवाद के आरोप शामिल करने के फैसले को अदालत में चुनौती देगी. गौरतलब है कि लाहौर में एनएबी कार्यालय के बाहर 11 अगस्त को पुलिस और पीएमएल-एन कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. जमीन भ्रष्टाचार के मामले में मरयम के कार्यालय पहुंचने के बाद भारी संख्या में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच विवाद हो गया था, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया. पीएमएल-एन के कई कार्यकर्ताओं, पुलिसकर्मियों और एनएबी अधिकारियों को झड़प के दौरान चोट लगी थी. पुलिस ने 58 लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया.


कार्यालय बुलाना साजिश थी
पीएमएल-एन ने प्रधानमंत्री इमरान खान, एनएबी के अध्यक्ष जावेद इकबाल, पीएम के सलाहकार शहजाद अकबर और पंजाब सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया, पार्टी का कहना है कि मरयम को जान से मारने की साजिश की गई, उनकी कार पर हमला हुआ और इसके लिए पुलिस हमारी शिकायत दर्ज करनी चाहिए. वहीं, मरयम ने कहा कि अगर मैं बुलेट-प्रूफ कार में नहीं होती तो मेरी जान भी जा सकती थी. मुझे एनएबी कार्यालय बुलाने के पीछे एक संगठित साजिश थी, वे मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते थे.


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