PAK अर्थशास्त्री की सरकार से गुहार- लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए भारत के साथ फिर से शुरू कर दो व्यापार
Pakistan Economic Crisis: अर्थशास्त्री डॉ. परवेज ताहिर ने सुझाव दिया कि बड़े भू-स्वामियों की आय पर सामान्य आय कर लगाया जाना चाहिए. वेल्थ टैक्स, इनहेरिटेंस टैक्स और एस्टेट ड्यूटी को फिर से लगाने की जरूरत है
Pakistan News: पाकिस्तान के आर्थिक हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. इस मुश्किल वक्त में देश के भीतर से अब भारत के साथ व्यापार करने की आवाज उठने लगी है. पाकिस्तान के अर्थशास्त्री डॉ. परवेज ताहिर ने लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की अपील की है. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.
डॉ. ताहिर पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित तीसरे अस्मा जहांगीर स्मृति व्याख्यान के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने यह बयान दिया. पीपीपी के पूर्व सीनेटर फरहतुल्लाह बाबर ने भी इस कार्यक्रम में बात की.
‘संघीय कैबिनेट के आकार में कटौती की जानी चाहिए’
डॉ. ताहिर ने कहा कि 18वें संशोधन की आवश्यकता के अनुरूप संघीय कैबिनेट के आकार में कटौती की जानी चाहिए. चूंकि संघीय विकास खर्च को उधारी से वित्तपोषित किया जाता है, इसलिए बजट के संतुलित होने तक इसे घटाकर शून्य कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिफेंस पर खर्च काफी ज्यादा है.
डॉ. ताहिर ने दिए ये टैक्स लगाने के सुझाव
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. ताहिर ने सुझाव दिया कि बड़े भू-स्वामियों की आय पर सामान्य आय कर लगाया जाना चाहिए. वेल्थ टैक्स, इनहेरिटेंस टैक्स और एस्टेट ड्यूटी को फिर से लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इनडायरेक्ट टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए.
,डॉ. ताहिर ने कहा कि प्रांतों को अपनी आय का 50 प्रतिशत विकास बजट के लिए समर्पित करना चाहिए और दो साल के भीतर अनुच्छेद 25-ए के तहत वर्तमान बजट प्रदान करना चाहिए.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, संपत्ति कर प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए स्थानीय सरकारों को पूरी तरह से हस्तांतरित किया जाना चाहिए और चालू खाता घाटे से निपटने के लिए क्षेत्र में व्यापार खोला जाना चाहिए.
(इनपुट - IANS)
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