Terrorist Connection: पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि कुछ राजनीतिक विरोधियों के देश में आतंकवादियों के साथ संबंध हैं और उन्होंने ब्रिटेन और अन्य देशों में शरण मांगी है. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलोच ने यह जानकारी गुरुवार को साप्ताहिक मीडिया संवाद के दौरान, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सहयोगी पर कथित तेजाब हमले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और अपदस्थ प्रधानमंत्री खान के पूर्व विशेष सहायक मिर्जा शहजाद अकबर ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि ब्रिटेन स्थित आवास में उन पर हमला किया गया था. उन्होंने दावा किया कि उन पर ‘अम्लीय तरल पदार्थ’ फेंका गया था.


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'कई के आंतकवादी संगठनों से संबंध'
इसी घटना के बारे में पूछे जाने पर विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने हमले में पाकिस्तान और पाकिस्तानी एजेंसियों की संलिप्तता के किसी भी आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अपने ही नागरिकों पर विदेश में हमला करना हमारी नीति नहीं है. हालांकि बलोच ने कहा कि कई राजनीतिक विरोधियों ने राजनीतिक शरण मांगी है और ब्रिटेन एवं दुनिया के अन्य देशों में दशकों से रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनमें से कई के पाकिस्तान में आंतकवादी संगठनों से संबंध हैं. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन इससे एक बात स्पष्ट हो गई कि पाकिस्तान सच स्वीकार कर रह है कि उसके नेताओं के संबंध आतंकवादियों से हैं. 


'सीधे संबंध आतंकी आकाओं से'
वैसे भी यह बात दुनिया को भारत पहले से ही बताता रहा है. यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान का सच सामने आया है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने कई बार प्रमाण भी दिए हैं कि पाकिस्तान और वहां के नेताओं के सीधे संबंध आतंकी आकाओं से हैं. लेकिन चीन जैसे देश पाकिस्तान का बचाव करते नजर आते रहते हैं. अब जबकि खुद पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक बयान से साफ है तो ऐसे में दूनिया की नजर इस पर जरूर होनी चाहिए. लेकिन एक तथ्य भी है कि पाकिस्तान खुद की राजनीति में उलझ कर रह गया है. वहां के नेताओं की गंदी राजनीति ने पाकिस्तान को गर्त में धकेल दिया है.


दुनिया के सामने स्वीकार किया
कुल मिलाकर अब पाकिस्तान ने खुद दुनिया के सामने स्वीकार किया है कि ब्रिटेन और अन्य देशों में रहने वाले पाकिस्तान के असंतुष्ट नेताओं के संबंध देश में मौजूद आतंकवादी संगठनों से रहे हैं. यहां तक कि यह बात भी सामने आई है कि पाकिस्तान के कई असंतुष्ट नेताओं ने राजनीतिक शरण मांगी है, जो कई दशकों से ब्रिटेन समेत अन्य देशों में रह रहे हैं.