Pakistan Defense Budget: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने शुक्रवार को पेश अगले वित्त वर्ष के बजट में रक्षा क्षेत्र पर व्यय को 15.5 % बढ़ाकर 1.8 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा. घटते विदेशी भंडार से होने वाली संभावित भुगतान चूक को रोकने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 14.4 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया.


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वित्त मंत्री इशाक डार ने संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में बजट पेश करते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष में 3.5 % की वृद्धि दर का लक्ष्य रखा गया है.


चुनावी नहीं जिम्मेदार बजट
डार ने कहा, ‘इस बजट को ‘चुनावी बजट’ के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. इसे एक ‘जिम्मेदार बजट’ के तौर पर देखा जाना चाहिए.’ बता दें पिछले वर्ष अप्रैल में इमरान खान सरकार हटने के बाद से जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तान में इसी वर्ष चुनाव होने वाले हैं.


वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में 1,804 अरब रुपये का प्रस्ताव रखा गया है जो पिछले साल के 1,523 अरब रुपये के प्रस्ताव से 15.5 % अधिक है. रक्षा व्यय पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 1.7 % है.


बजट में सबसे ज्यादा 7,303 अरब रुपये का प्रावधान कर्ज भुगतान के लिए किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 21 % रखा गया है जबकि बजटीय घाटा जीडीपी का 6.54 % होगा.


जीडीपी वृद्धि दर 0.29 %, मुद्रास्फीति 29 % रहने का अनुमान
वहीं वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया. इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 0.29 % रहने और मुद्रास्फीति के लगभग 29 % पहुंच जाने का अनुमान सरकार ने जताया है.


इस सर्वेक्षण में 30 जून को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में राजनीतिक अस्थिरता और अभूतपूर्व बाढ़ के बीच सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया गया है.


आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान की जीडीपी (सकल उत्पाद वृद्धि) दर पांच % के लक्ष्य से बहुत पीछे सिर्फ 0.29 % रही. इसमें कृषि में 1.55 %, उद्योग में 2.94 % और सेवा क्षेत्र में 0.86 % जीडीपी वृद्धि दर रही. इन तीनों क्षेत्रों का प्रदर्शन लक्ष्य से बहुत पीछे रहा है.


सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में जुलाई, 2022 से लेकर मई, 2023 तक मुद्रास्फीति 29.2 % रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 11 % रही थी. चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 % रखा गया था.


हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में उच्च वृद्धि के तौर पर सकारात्मक तथ्य भी सामने आया है. संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) ने जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 तक 5,637.9 अरब रुपये का कर संग्रह किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 4,855.8 अरब रुपये की तुलना में 16.1 % अधिक है.


(इनपुट -भाषा)