Baloch Insurgents in Karachi Pakistan: कहते हैं कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वो एक दिन उसमें खुद गिरता है. पाकिस्तान के साथ अब यही हो रहा है. भारत को तबाह करने की अंधी जिद को पूरा करने के लिए उसने आतंकवाद को हथियार बनाया और 3 दशकों तक जम्मू कश्मीर समेत दूसरी जगहों पर खूब खून बहाया लेकिन अब उसे खुद इसका दंश भुगतना पड़ रहा है. बलूचों (Baloch Insurgents) और पश्तून अलगाववादियों के हमलों ने उसकी हालत पस्त कर दी है. अब आलम ये है कि वह अपने 'आयरन फ्रेंड' चीन के कर्मचारियों को भी सुरक्षा दे पाने में असहाय हो गया है.


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कराची में बंद करवाए गए चीनी बिजनेस हाउसेज


जापान के अखबार निक्‍केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान सरकार ने कराची (Karachi Police) में चीन के कई बिजनेस और दुकानों को अस्‍थायी तौर पर बंद करवा दिया है. पाकिस्तान का कहना है कि इन प्रतिष्ठानों को आतंकी हमलों के खतरों से बचाने के लिए बंद करने का हुक्म दिया गया है. कराची पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, 'चीनी बिजनेस हाउसेज (Chinese Business Houses) को बार-बार चेतावनी जारी की गई. इसके बावजूद वे सुरक्षा के प्रोटोकॉल्‍स को लागू करने में असफल रहे हैं. लिहाजा उनके बिजनेस को तब तक के लिए बंद करवाया जा रहा है, जब तक कि वे संतोषजनक सुरक्षा के इंतजाम पूरे नहीं कर लेते. 


बलूच विद्रोहियों से डरे हुए हैं चीन-पाकिस्तान


पुलिस (Karachi Police) अधिकारी के मुताबिक चीन के जिन कारोबारी प्रतिष्ठानों (Chinese Business Houses) को बंद करवाया गया है, उनमें सुपरमार्केट, रेस्टोरेंट और एक मरीन प्रोडक्ट कंपनी शामिल है. हालांकि उन्होंने बंद करवाए गए इन प्रतिष्ठानों की सही संख्या बताने से इनकार कर दिया. बताते चलें कि कराची स्टॉक एक्सचेंज पर चीन का आंशिक नियंत्रण है. वर्ष 2020 में इस एक्सचेंज पर बलूच विद्रोहियों (Baloch Insurgents) ने हमला किया था. इसके बाद अप्रैल 2022 में कराची यूनिवर्सिटी के कनफ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट के पास सुसाइड अटैक किया गया, जिसमें 3 चीनी टीचर्स समेत एक पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी. 


पाकिस्तान को देना पड़ा है चीन को मुआवजा


उधर खैबर पख्तूनख्वा इलाके में पश्तून विद्रोही संगठन तहरीके पाकिस्तान तालिबान और आईएसआईएस-के भी लगातार चीनी कर्मचारियों पर हमले कर रहा है. पाकिस्तान तालिबान के ऐसे ही एक हमले में चीन के 9 मजदूरों की मौत हो गई थी, जिसके बाद चीन सरकार के दबाव में पाकिस्तान को उनके परिवार वालों को भारी मुआवजा देना पड़ा था. अपने नागरिकों पर बढ़ते हमलों को देखते हुए चीन ने पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में अपने सैनिक भी तैनात किए हैं लेकिन इसके बावजूद विद्रोही उन पर भारी पड़ रहे हैं. 


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