नई दिल्ली: येरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद के आस पास हिंसा को लेकर इजरायल के खिलाफ पाकिस्तान ने कड़ा रुख अपनाया है. कई पाकिस्तानी नेताओं ने इजरायल के खिलाफ जमकर जहर उगले हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शिक्षा मंत्री मुराद रास ने तो यहां तक कह दिया कि अब फिलीस्तीनी लोगों को पत्थर की जगह बंदूक उठानी चाहिए.


पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बोला तीखा हमला


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पाकिस्तान की सरकार की तरफ से इजरायल को लेकर तीखे बयान आ रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर कहा, ''मैंने अपने भाई तुर्की के विदेश मंत्री से फिलीस्तीन में अन्यायपूर्ण स्थिति को लेकर फोन पर बात की है. तुर्की ने पूरे मामले पर ओआईसी और यूएन की बैठक बुलाने का समर्थन किया है. इस्लाम के पहले किबला मस्जिद अल-अक्सा में उपद्रव, बच्चों की हत्या और फिलीस्तीनियों को जबरन निकाला जाना अस्वीकार्य है.'



पंजाब के शिक्षा मंत्री ने उगला जहर


पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शिक्षा मंत्री मुराद रास ने भी जमकर जहर उगला. उन्होंने एक भड़काऊ ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह हैरान करने वाला है कि इजरायल वाले हथियारों से लैस रहते हैं जबकि फिलीस्तीन के लोग दशकों से पत्थरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. फिलीस्तीनियों को मदद में जो पैसे मिलते हैं, वे कहां चले जाते हैं. वे अपनी रक्षा के लिए एक बंदूक भी क्यों नहीं खरीदते हैं? इन पर कब से बम फेंके जा रहे हैं और गोली मारी जा रही है पर ये 2021 में भी पत्थर ही चला रहे हैं.'



तनाव बढ़ने के बीच इजराइल ने और सैनिकों की तैनाती के आदेश दिये


इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ ने देश के दक्षिण में सैनिकों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है क्योंकि गाजा में तनाव लगातार दूसरे दिन भी बना हुआ है. इजरायल ने गाजा में मंगलवार को हवाई हमले किए और हमास के एक फील्ड कमांडर के घर तथा उग्रवादियों द्वारा खोदी गई दो सीमा सुरंगों को निशाना बनाया. वहीं हमास और दूसरे सशस्त्र समूहों ने इजरायल की तरफ दर्जनों रॉकेट दागे. इस बीच इजरायली के रक्षा मंत्री बेन्नी गांट्ज ने मौजूदा अभियान को विस्तार देने और “घरेलू मोर्चे की सुरक्षा को मजबूत” करने के लिये 5000 आरक्षित सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है.


इजरायली हमले में 24 लोगों की मौत


संघर्ष में यह तेजी येरुशलम में बीते कुछ हफ्तों से जारी तनाव के बाद आई है. गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम सीमापार लड़ाई शुरू हो गई थी जिसमें नौ बच्चों समेत 24 फलस्तीनी मारे गए. ज्यादातर की मौत हवाई हमलों के कारण हुई. इजराइटयल की सेना ने कहा कि मृतकों में से 15 चरमपंथी थे. गाजा के चरमपंथियों ने 200 से अधिक रॉकेट इजरायल की ओर दागे, जिनके कारण इजराइल के छह आम नागरिक घायल हो गए.