Pakistan Crime News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी वकील की अज्ञात हथियारबंद लोगों ने बलूचिस्तान प्रांत में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अदालत जा रहे थे. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.


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पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एक वकील अब्दुल रज्जाक शार की मंगलवार को क्वेटा के एयरपोर्ट रोड पर अज्ञात हमलावरों की गोलीबारी में मौत हो गई. उन्होंने बताया कि गोली लगने के बाद वकील को तुरंत क्वेटा सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.


शार को मारी गईं 16 गोलियां
क्वेटा सिविल अस्पताल में सर्जन आयशा रियाज ने पत्रकारों को बताया कि हमले में शार को 16 गोलियां लगी थीं.


वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुल मुहम्मद ने बताया कि तीन मोटरसाइकिलों पर सवार छह अज्ञात लोगों ने शार पर उस वक्त हमला किया, जब वह एक मामले के सिलसिले में अपने वाहन से सुप्रीम कोर्ट जा रहे थे. उन्होंने बताया कि शार के सीने, गर्दन और पेट में गोली मारी गई, जिससे उनकी मौत हो गई.


प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने की हत्या की निंदा
प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (एसएपीएम) अताउल्लाह तरार ने हत्या की निंदा की और कहा कि शार ने बलूचिस्तान उच्च न्यायालय (बीएचसी) में विपक्षी नेता खान के खिलाफ देशद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी वजह से उनकी हत्या की गई है.


इमरान को मिली जमानत 
वहीं मंगलवार को ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए जिसने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई)पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या के सिलसिले में उनकी अग्रिम जमानत पर अपनी मुहर लगा दी। मार्च में, पंजाब पुलिस ने 70 वर्षीय ख़ान पर अली बिलाल उर्फ ​​जिले शाह की मौत के बारे में ‘तथ्यों और सबूतों को छिपाने’ का आरोप लगाते हुए हत्या का मामला दर्ज किया था। खान कड़ी सुरक्षा के बीच उच्च न्यायालय में पेश हुए।


अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनवारुल हक पन्नून ने खान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता अली बिलाल उर्फ ​​जिले शाह की हत्या के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की अग्रिम जमानत पर अपनी मुहर लगा दी.  खान के वकील ने अदालत को बताया कि जिले शाह की मौत पुलिस हिरासत में यातना के चलते हुई क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के 26 निशान मिले थे.


पुलिस ने शाह की हत्या के मामले में खान और कुछ अन्य पीटीआई सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हालांकि बाद में पंजाब में पुलिस और कार्यवाहक सरकार ने दावा किया कि वह एक सड़क दुर्घटना में मारा गया था. पीटीआई प्रमुख के वकील ने अदालत से कहा कि बाद में पुलिस ने खान पर कार्यकर्ता की मौत से जुड़े ‘तथ्यों और सबूतों’ को छिपाने का आरोप लगाया. 


अधिकारी ने कहा, ‘दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने खान की जमानत की पुष्टि की.’


(इनपुट - एजेंसी)