Pakistan Cotton Industry crisis: पाकिस्तान में आटे-चावल-फल और सब्जियों की कीमतों में आग लगी है. आसमान छूती महंगाई के बीच लोगों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान, भारत से दुश्मनी निभाने के चक्कर में अपने ही लोगों की नौकरी छीनकर उनके हाथ-पैरों में कुल्हाड़ी मार रहा है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाकिस्तान की अकड़ हुई ढीली


पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भंडार न्यूनतम स्तर पर जा चुका है. डॉलर की भारी कमी के बीच शहबाज शरीफ की सरकार ऐसे तुगलकी फैसले ले रही है जिसकी वजह से लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. 


70 लाख लोगों की गई नौकरी


'डॉन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान के हालिया आर्थिक संकट की वजह से 70 लाख लोगों की नौकरी चली गई है. ये नौकरियां कॉटन टेक्‍सटाइल उद्योग से गई हैं जिस पर पाकिस्‍तान गर्व करता है. दरअसल, पाकिस्‍तानी कपड़ा उद्योग ने कॉटन की कमी को दूर करने के लिए भारत से इसके आयात की मांग की थी. इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने के बजाए पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ की सरकार अपनी अकड़ में बनी रही और उसने इस मांग को अपनी मंजूरी नहीं दी इसके बाद वहां की कॉटन इंडस्ट्री का भट्टा बैठ गया. 


शहबाज शरीफ हुए फेल


अपने देश को कर्ज से निकालने का उपाय तलाश रहे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से फेल साबित होते दिख रहे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पाकिस्‍तान, दुनिया में अपने क्वालिटी कपड़ों के निर्यात के लिए मशहूर है. साल 2021 में उसने 19.3 अरब डॉलर के कपड़े एक्सपोर्ट किये थे. जो 2021 में हुए कुल निर्यात का आधा हिस्सा था. 2022 में पाकिस्‍तान में कॉटन की भारी कमी हो गई जिससे अमेरिका और यूरोप को बेडशीट, परदे, तौलिया और अन्‍य कपड़ों का एक्सपोर्ट करने वाली सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं. 


रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेक्‍सटाइल उद्योग से 70 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं. वहीं इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि पाकिस्‍तान सरकार कॉटन इंडस्‍ट्री की मदद की बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कते हुए और ज्‍यादा टैक्‍स लगा रही है. 


भारत की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं