US-PAK Relations: चीन की अटूट दोस्ती और मुस्लिम जगत के देशों से मिले अनुदान और मदद के बावजूद गले तक कर्ज में धंसा पाकिस्तान अपनी मदद यानी फंडिग का पुराना लेकिन बंद रास्ता एक बार फिर से खुलवाने के लिए बेकरार है. इस बात को पाकिस्तान सरकार के रहनुमाओं के ताबड़तोड़ अमेरिकी दौरों से भी समझा जा सकता है. जाहिर है कि एक तरह से पाकिस्तान अपने पुराने दानदाता अमेरिका (US) के आगे कई तरह से गिड़गिड़ा रहा है.


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अमेरिकी मदद की आस में पाकिस्तान


यूएन (UN) की बैठकों से इतर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और उनकी भारी भरकम कैबिनेट का अमेरिकी दौरा पूरा होने के बाद अब पाकिस्तानी (PAK) फौज के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका (US) को इस बात का यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि एक बार फिर अमेरिका, पाकिस्तान पर भरोसा कर सकता है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के भी कुछ हालिया बयान और फैसले इसी ओर संकेत दे रहे हैं.


अमेरिका दौरों की टाइमलाइन


हाल ही में जनरल बाजवा ने अमेरिकी डिफेंस सेकेट्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की है. बाजवा का स्वागत खुद लॉयड ऑस्टिन ने आगे बढ़कर किया. दोनों की चर्चा के बाद कहा गया कि क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से मंथन हुआ. बाजवा की इस मुलाकात को विदेशी मामलों के जानकार कोई चमत्कार या अचानक घटी घटना नहीं मान रहे हैं. उनका कहना ये कहना है कि पाकिस्तान जो डैमेज कंट्रोल करने की कवायद रच रहा है उसे अमेरिका भी पसंद कर रहा है.


गौरतलब है कि रूस अमेरिका का पारंपरिक प्रतिद्वंदी है जो फिलहाल यूक्रेन के साथ युद्ध में है. रूस-यूक्रेन की जंग में यूक्रेन को अमेरिका का फुल सपोर्ट है. पाकिस्तानी तोपखाने में बने गोले यूक्रेन के लिए बड़े मददगार साबित हुए हैं. जबकि इमरान खान पुरानी लीक से इतर नए रास्ते तलाश रहे थे. इमरान ने तो अपने तख्तापलट का जिम्मेदार अमेरिका को ठहरा दिया था. जबकि शहबाज शरीफ का मानना है कि वो इमरान खान की गलतियों को सुधार रहे हैं.


कूटनीति के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में जब पिछला सत्ता परिवर्तन हुआ, तब इमरान खान के आरोपों की वजह से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में दरार आ गई थी. लेकिन पाक सेना तब भी रिश्तों को सुधारने को लेकर गंभीर थी. वहीं अमेरिका एक बार फिर पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है. अब ऐसा लगता है कि अमेरिका, पाकिस्तान को फिर से एक मौका देना चाहता है.


दोनों को एक दूसरे की जरूरत


वहीं पाकिस्तान की रिश्ते सुधारने की कुछ कोशिशें रंग लाई हैं. अभी अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट फ्लीट के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की मदद दी है. इस फैसले पर भारत की नाराजगी को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि इस मदद में कोई नया हथियार या ताकत शामिल नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि नई भू-राजनीतिक परिस्थितियों में अमेरिका और पाकिस्तान दोनों को एक दूसरे की जरूरत है इसलिए उनके बीच पहले जैसी दोस्ती एक बार फिर से देखने को मिल सकती है.


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