आर्थिक बदहाली के शिकार Pakistan की मुश्किलों में हुआ और इजाफा, अब बना ADB का सबसे बड़ा कर्जदार
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है और रोजमर्रा की चीजों के लिए भी लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. पाकिस्तान की एकमात्र उम्मीद अब आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर से मिलने वाले फंड पर टिकी है.
Pakistan Economy: सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है. पाकिस्तान वर्ष 2022 में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों/परियोजनाओं का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया है.
जियो न्यूज ने बताया कि सोमवार को जारी एडीबी की वार्षिक रिपोर्ट 2022 के अनुसार, 40 देशों को प्रदान किए गए 31.8 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज में से पाकिस्तान को 5.58 अरब डॉलर का कर्ज मिला.इनमें से पाकिस्तान को पिछले साल बैंक से 2.67 अरब डॉलर की रियायती कर्ज मिला है.
बाढ़ नें पहुंचाया फसलों को नुकसान
पाकिस्तान में पिछले साल आई बाढ़ ने एक-तिहाई से अधिक को फसलों को नुकसान पहुंचाया था.इससे खाद्य आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ गई थीं.अफगानिस्तान में भी सूखे और आकस्मिक बाढ़ ने पूरी आबादी को प्रभावित किया.
जियो न्यूज ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान बढ़ती खाद्य और ऊर्जा की कीमतों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से घरेलू मुद्रास्फीति बढ़ रही है और खपत कम हो रही है.
मनीला स्थित ऋणदाता ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पाया कि बैंक ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में उभरते और चल रहे संकटों के लिए समय पर कदम उठाया है.
बैंक ने इन देशों को भी दिया कर्ज
बैंक ने पाकिस्तान के साथ किरगिज गणराज्य, मंगोलिया, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को भी कर्ज प्रदान किया है.
पाकिस्तान में हालात बेहद खराब
गौरलतब है कि पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है और रोजमर्रा की चीजों के लिए भी लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. हाल ही में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आतिफ मियां ने दावा किया कि आगामी आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता, बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति और आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारण बड़ी संख्या में पाकिस्तानी देश छोड़ने को तैयार हैं.
पाकिस्तान की एकमात्र उम्मीद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से 1.1 अरब डॉलर से मिलने वाले फंड पर टिकी है. यह फंडिंग साल 2019 में किए गए 6.5 बिलियन डॉलर के बेलआउट समझौते का हिस्सा है. हालांकि इस फंड को पाना पाकिस्तान के इतना आसान नहीं है.
(इनपुट – एजेंसी)
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