Peshawar Blast के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक दलों में घमासान, एक दूसरे को ही बता रहे आतंकवादियों के मददगार
Pakistan Politics: पेशावर की एक मस्जिद में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है. वहीं पाकिस्तान में इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई हैं. राजनीतिक दल एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
Peshawar Blast: पेशावर में एक मस्जिद में घातक आत्मघाती विस्फोट के बाद पाकिस्तान कैबिनेट की पहली बैठक में सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PMLN) के सांसदों ने बुधवार को पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार की आतंकवाद-रोधी नीति की जमकर आलोचना की. डॉन की रिपोर्ट में पाकिस्तानी सांसदों के हवाले से कहा गया है कि नेशनल असेंबली पिछली इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की आतंकवाद विरोधी नीतियों और रणनीतियों के साथ कभी नहीं थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि PMLN सांसदों ने PTI शासन के दौरान आतंकवादियों के साथ बातचीत करने और उन्हें देश में फिर से बसाने के फैसले पर खेद जताया और इसे 'त्रुटिपूर्ण' बताया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और गृहमंत्री मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पिछली सरकार की नीतियों की आलोचना की.
‘अब रक्तपात के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा’
डॉन की रिपोर्ट में आसिफ के हवाले से कहा गया है, 'एक मैसेज दिया गया कि उनसे (आतंकवादियों) से बातचीत की जा सकती है.' उन्होंने कहा, ‘करीब दो साल पहले किए गए निर्णयों का इस सदन (नेशनल असेंबली) द्वारा समर्थन नहीं किया गया. हमें केवल ब्रीफिंग में बताया गया कि यह निर्णय पहले ही किया जा चुका है. अब रक्तपात के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा?"
आसिफ ने कहा, ‘जब रूसी सैनिकों ने अफगानिस्तान में प्रवेश किया तो हमने आतंकवाद के बीज बोए और फिर हमने किराए पर अमेरिका को अपनी सेवाएं प्रदान कीं.’
‘हजारों आतंकवादियों को रिहा किया गया’
रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई ने कहा था कि 8,000 आतंकवादी थे जिन्हें आत्मसमर्पण करने का मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि बच्चों सहित परिवार के लगभग 25,000 सदस्य भी उनके साथ जुड़े हुए थे.
सनाउल्लाह ने हाल ही में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा, ‘यह निर्णय नेक नीयत से लिया गया हो सकता है लेकिन यह नीति गलत साबित हुई.‘ मंत्री ने दावा किया कि पीटीआई सरकार ने जेलों से हजारों उग्रवादियों को रिहा किया, जिनमें मौत की सजा भी शामिल है.
सनाउल्लाह ने कहा, ‘सैन्य नेतृत्व को इस सदन को भरोसे में लेना चाहिए. संसद में इस पर बहस होनी चाहिए.’ उन्होंने सांसदों से आगे का रास्ता सुझाने को कहा.
पीएमएलएन के सीनेटर मुशहिद हुसैन सैयद और सीनेटर ताहिर बिजेन्जो ने भी आतंकवाद और अफगानिस्तान से संबंधित नीतियों में संशोधन की मांग की.
विस्फोट में मरने वालों संख्या 101 हुई
पेशावार मस्जिद विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है. मंगलवार को मस्जिद के मलबे से शवों को निकालने के लिए बचाव अभियान समाप्त हो गया.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं