China Spy: चीन ने कई देशों में खोया भरोसा, सीक्रेट एजेंट्स ने खोला `ड्रैगन` का ये राज
China Spy Tech Company/Chinese spy satellite: दूसरे देशों की तकनीक हासिल करनी हो या दूसरे देशों की जासूसी, चीन (China) लंबे समय से दोनों कामों के लिए बदनाम रहा है. यही वजह है कि अमेरिका (US) और यूरोपियन यूनियन (EU) के देश कई मामलों में चीन से दूरी बनाए रखने में भलाई समझते हैं. चालबाज चीन को लेकर अमेरिका की खुफिया एजेंसियों (US SPY Agency) के बाद ब्रिटेन (UK) की खुफिया एजेंसी MI5 ने भी पहली बार चीनी सरकार की जासूसी के खिलाफ चेतावनी जारी की है. चीन, इस मामले में पूरी दुनिया के लिए कैसे खतरा बन सकता है, आइए बताते हैं.
एफबीआई (FBI) की तरह एशियन लाइट इंटरनेशनल के अनुसार, एजेंसियों ने माना है कि चीन बड़े पैमाने पर जासूसी अभियान चला रहा है. ‘चीनी कंपनियां तकनीकें चुरा लेंगी. आपकी वो टेकनीक, जिनसे आपकी इंडस्ट्री आगे बढ़ रही हैं. इसी का इस्तेमाल वो तुम्हारे कारोबार को खत्म करने में करेंगी. वो तुम्हारे ही बाजार में आकर तुम्हें दबाएंगी.’ हाल ही में सुनने को मिले अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई (FBI) के डायरेक्टर क्रिस्टोफर ए रे के ये चेतावनी भरे शब्द उस डर को बताते हैं, जो विकसित देशों के मन में हैं तो लंबे समय से पर वो इसके बारे में खुलकर बात नहीं कर रहे थे. हालांकि ऐसे देश इस संभावना से बचाव पर लगातार काम कर रहे थे.
अमेरिका, यूके (UK), यूरोपीय यूनियन (EU) ने चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि चीनी कंपनियां का लक्ष्य दूसरे देशों की महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करना या चुराना है. पश्चिमी देशों की एजेंसियों के अनुसार खतरा ‘वास्तविक’ है और ‘तत्काल ध्यान देना होगा.’ देरी हुई तो पूरा खेल बदल सकता है. यानी चीन तकनीकी क्षेत्र में बहुत आगे निकल जाएगा.
पिछले साल अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने पांच चीनी कंपनियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानकर प्रतिबंधित किया था. इस बैन के लिए अमेरिका ने 2019 में ही बने नये कानून का इस्तेमाल किया. आपको बताते चलें कि प्रतिबंधित कंपनियों में चीन की प्रमुख टेक कंपनी हुआवे टेक्नोलॉजी, जेडटीई कॉर्प, हाईटेरा कम्युनिकेशन कॉर्प, हांग्जो हाईकीविजन डिजिटल टेक, झिजियांग देहुआ टेक भी शामिल हैं. चीन पर यह आरोप भी हैं उसने कई मोबाइल ऐप्स के साथ, कुछ मेड इन चाइना फोन में स्पाई सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है. यूएस की खुफिया एजेंसी ने पता लगाया कि कौन सी कंपनियों के उपकरण और सेवाएं अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों को किस तरह खतरे में डाल रही हैं. 2018 में अमेरिका ने डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट लागू किया. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय में हुआवे सहित कई कंपनियों को कारोबार की ब्लैक लिस्ट में डाला गया. तब रिपब्लिकन सांसदों ने चिंता जताई कि हुआवे क्लाउड सर्विसेस 40 देशों में मौजूद है. जिसका उपयोग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी जासूसी के लिए कर रही है. तब विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन को अमेरिका में फौरन इसका प्रसार रोकने को कहा गया.
इसी साल फरवरी में यूरोपीय यूनियन (EU) ने विश्व व्यापार संगठन में चीन के खिलाफ केस दायर कर कहा कि चीन उसकी कंपनियों को वाजिब अधिकार होने के बावजूद 4जी या 5जी जैसी अहम तकनीक उपयोग नहीं करने देता. पेटेंट का गलत उपयोग करता है. यूके ने हुआवे को अपने यहां 5जी सेवाएं विकसित करने की योजना में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया. वहीं फ्रांस व इटली ने हुआवे को सीधे तौर पर प्रतिबंधित नहीं किया, लेकिन उसके उपकरण उपयोग करने पर रोक लगा दी है.
अपनी विस्तारवादी नीति और कर्ज कूटनीति यानी डेब्ट डिप्लोमेसी (Debt Diplomacy) के दम पर चीन, दुनिया के कई देशों की सीमाओं को हड़पते हुए अपना विस्तार करना चाहता है. इस काम में दूसरे देशों में क्या चल रहा है, वहां की सरकार क्या फैसला लेने वाली है. टारगेट देशों को फंडिंग या बिजनेस के नाम पर कैसे निशाना बनाया जा सकता है, इस काम में जासूसी बड़े काम की चीज है. इसलिए दुनिया के कई देशों की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि चीन की सरकार बड़े तालमेल के साथ जासूसी अभियान चला रही है.