Meteor falls from sky in China: आसमान से गिरा आग का गोला, अब तक दहशत में हैं लोग
Meteor falls from sky in China: उत्तर-पश्चिमी चीन में आसमान से आग का गोला गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन अब भी स्थानीय लोग दहशत में हैं. हालांकि फिलहाल इस गोले को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.
कैसा है आग का गोला
फिलहाल इस आग के गोले (Fire Ball) को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है और ना ही यह पता चल पाया है कि आसमान से आग के गोले के गिरने की वजह क्या थी, लेकिन चीन (China) की स्थानीय मीडिया ने संभावना जताई है कि कोई चमकता उल्का पिंड (Meteorite) गिरा है. वहीं कुछ विशेषज्ञों भी इसे उल्का पिंड ही मान रहे हैं.
कहां गिरा आग का गोला
डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना चीन (China) के किंघाई प्रांत के नांगकिआन की है. यह आग का गोला (Fire Ball) बुधवार को सुबह करीब 7 बजे आसमान से गिरा, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ है.
काफी चमकदार था गोला
दान बा (Dan Ba) नाम के एक स्थानीय नागरिक का कहना है कि अपने बच्चे को स्कूल ले जाते समय इस घटना को देखा था. उन्होंने कहा कि आग का यह रहस्यमय गोला (Fire Ball) पहले छोटा था, लेकिन तीन मिनट बाद ही यह बहुत बड़ा और चमकदार हो गया.
तेजी से वायरल हो रहीं फोटोज-वीडियो
शीआन से ल्हासा जाने वाले विमान में यात्रियों ने भी आग के इस गोले (Fire Ball) को धरती की तरफ गिरते हुए देखा था और वीडियो बनाए थे. इस रहस्यमयी घटना के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
उल्का पिंड की तरह आ रहा नजर
चीन (China) के साइंस वेबसाइट गुओकर के मुख्य लेखक यू जून ने पेइचिंग न्यूज से कहा कि आग का यह एक विशाल उल्का पिंड (Meteorite) की तरह से नजर आ रहा था, जो काफी चमकदार था.
भूकंप सेंटर ने भी की पुष्टि
चीन (China) के भूकंप नेटवर्क सेंटर ने कहा है कि उसने इस घटना को रिकॉर्ड किया है. उसने बयान जारी कर कहा कि यह संदिग्ध उल्का पिंड (Meteorite) नांगकिआन काउंटी और यूसू काउंटी के बीच में सुबह करीब 7.25 बजे गिरा. नानशिआंग काउंटी की सरकार ने कहा कि उसे इस मामले के बारे में पता चला है, लेकिन उसे पूरी जानकारी नहीं है.
असामान्य नहीं उल्का पिंड गिरना
धरती पर उल्का पिंड (Meteorite) का गिरना कोई असामान्य घटना नहीं हैं, क्योंकि यह अक्सर धरती पर गिरते रहते हैं. हालांकि इनका रिहायशी इलाकों या उनके पास गिरना असमान्य जरूर है. नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2019 में करीब पचास हजार उल्कापिंड धरती पर गिरे थे.