China-Taiwan War: दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन (China) कई बार ताइवान (Taiwan) के क्षेत्र में अपने फाइटर जेट के साथ घुसपैठ कर चुका है. चीन लंबे समय से ताइवान पर दावा करता रहा है. इस बीच, दक्षिण चीन सागर और उसके आस-पास के क्षेत्र के देशों के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसकी जद में कई देश आ सकते हैं. इतना ही नहीं भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, ये भी एक चिंता विषय है. इस बीच, खबर है कि भारत भी दक्षिण चीन सागर में पैदा होने वाली युद्ध के हालात से निपटने की तैयारी कर रहा है. भारत उन विकल्पों पर विचार कर रहा है जिन्हें चीन-ताइवान युद्ध (China-Taiwan War) के दौरान अपनाए जा सकते हैं.


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भारत ने शुरू की जंग के हालात की स्टडी


नाम ना बताने की शर्त पर सीनियर अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण चीन सागर में अगर चीन और ताइवान के बीच में युद्ध हुआ तो इसके लिए भारत संभावित प्रतिक्रियाओं के बारे में स्टडी कर रहा है. जान लें कि 6 हफ्ते पहले ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ताइवान पर किसी भी युद्ध के प्रभाव की जांच करने के लिए स्टडी शुरू कर दी है. उसमें इस बात पर स्टडी की जा रही है कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी भी चीन-ताइवान के युद्ध में कूद पड़े तो भारत कैसी प्रतिक्रिया दे सकता है या भारत के पास क्या-क्या विकल्प होंगे.


भारत के पास क्या हैं विकल्प?


ये भी कहा जा रहा है कि अगर चीन-ताइवान के बीच युद्ध छोटा हुआ यानी कम अवधि में ही खत्म हो गया तो ऐसी स्थिति में प्रतिक्रिया के रूप में कड़े बयान ही पर्याप्त हो सकते हैं, पर अगर ये युद्ध यूक्रेन-रूस की जंग की तरह लंबा खिंच गया तो ये पर्याप्त नहीं होगा.


युद्ध हुआ तो क्या करेगा भारत?


अगर भारत के पास मौजूद विकल्पों की बात करें तो पहला ऑप्शन ये हो सकता है कि चीन-ताइवान युद्ध के दौरान भारत लॉजिस्टिक हब के रूप में काम करे. जहां वॉरशिप और एयरक्राफ्ट की रिपेयरिंग और रखरखाव का काम हो. इसके अलावा चीन की सेना की परेशानी बढ़ाने के लिए उसकी दुश्मन सेनाओं को रसद, ईंधन और मेडिकल इक्विपमेंट पहुंचा सकता है.


भारत के पास क्या है दूसरा ऑप्शन?


एक इससे चरम विकल्प की बात करें तो भारत के सामने सीधे युद्ध में शामिल होने का भी ऑप्शन है. भारत अपनी उत्तरी सीमा पर चीन के खिलाफ युद्ध छेड़ सकता है. लेकिन इससे चीन के लिए युद्ध का एक नया मैदान खुल जाएगा. हालांकि, भारत जो स्टडी कर रहा है कि उसकी कोई डेडलाइन नहीं है और पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि ये कब पूरी होगी.