Taiwan China Clash: चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच तनाव जारी है. इस बीच, अमेरिका (US) ने ऐलान किया है कि वो ताइवान को 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8768 करोड़ रुपये के हथियार देगा. जिससे ताइवान की सुरक्षा प्रणाली मजबूत होगी. इस बात पर चीन से भड़क गया है. अमेरिका की तरफ से ताइवान को हथियार देने की घोषणा के बाद 4 चीनी फाइटर जेट और 5 नौसैनिक जहाजों ने ताइवान स्ट्रेट में मीडियन लाइन को क्रॉस किया. इससे दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ सकती है.


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भड़के चीन ने उठाया ये कदम


ताइवान के सुरक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 4 चीनी लड़ाकू विमानों और 5 नौसिक जहाजों को ट्रैक किया गया है जो शनिवार को शाम 5 बजे ताइवान स्ट्रेट में मीडियन लाइन को क्रॉस करके घुस आए थे. चीन की वायुसेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के दो Chengdu J-10 मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ने मीडियन लाइन को क्रॉस किया था. इस दौरान ताइवान की तरफ से इनको मॉनिटर किया गया और वॉर्निंग जारी की गई.


ताइवान को अमेरिका से मिलेंगे हथियार


अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि 1.1 अरब डॉलर के हथियारों की ताइवान को बिक्री में 35.5 करोड़ डॉलर की हवा से समुद्र में मार करने वाली हारपून मिसाइलें और 8.5 करोड़ डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली साइडविंडर मिसाइलें शामिल हैं. बहरहाल, हथियारों का सबसे बड़ा हिस्सा ताइवान के निगरानी रडार कार्यक्रम के लिए 65.5 करोड़ डॉलर का लॉजिस्टिक पैकेज है. यह रडार प्रोग्राम हवा में सिक्योरिटी अलर्ट देता है. हवा में दुश्मन की मिसाइलों की जल्द चेतावनी देना अहम हो गया है, क्योंकि चीन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं. यह हथियार ताइवान के लिए जरूरी हैं, ताकि ‘आत्मरक्षा की पर्याप्त क्षमता बनाए रखी जा सके.’


ताइवान ने मार गिराया चीनी ड्रोन


गौरतलब है कि ताइवान की सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने ताइवान की चौकी पर मंडरा रहे एक चीनी ड्रोन को मार गिराया है. यह घटना बढ़ते तनाव को दिखाती है. इससे एक दिन पहले, ताइवान ने कहा था कि उसने चीन की पोर्ट सिटी शियामेन के तट पर उसके तीन द्वीपों पर ड्रोनों के मंडराने पर चेतावनी दी है.


बता दें कि यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ा है. नैंसी पेलोसी 2-3 अगस्त को दो दिन के दौरे पर ताइवान आई थीं. इसके अलावा दो अन्य कांग्रेस यात्राएं भी ताइवान में हो चुकी हैं, जिनकी चीन ने निंदा की थी.


(इनपुट- ANI)


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