Pakistan News: आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान से 'लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके विभिन्न प्रमुख संगठनों सहित सभी आतंकवादी समूहों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है. वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की बैठक के दौरान दिए गए एक संयुक्त बयान पर सोमवार को संयुक्त राज्य दूतावास के मिशन के उप प्रमुख को तलब किया है.


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गौरतलब है कि पाकिस्तान भारत-यूएस के संयुक्त बयान को लेकर बौखलाया हुआ है. पीएम मोदी की यूएस यात्रा के दौरान गुरुवार (22 जून) को हुई बैठकों और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद अपने संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले, और पठानकोट हमले के अपराधियों को दंडित करने की पाकिस्तान से अपील की थी.


बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद से निपटने में ‘कोई किंतु-परंतु’ नहीं हो सकता है और उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


इस संयुक्त बयान ने पाकिस्तान में हंगामा खड़ा कर दिया. पूर्व पीएम और पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की मौजूदा गठबंधन सरकार और पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की उनके फर्जी दावों तथा अमेरिका की अनगिनत यात्राओं के लिए आलोचना की.


खान ने कहा, 'हम पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पीडीएम से यह सवाल पूछना चाहते हैं कि सरकार में एक साल रहने और पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अमेरिका की अनगिनत यात्राओं के बाद, भारत-अमेरिका का संयुक्त बयान पाकिस्तान को भारत में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बताता है.'


वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ तो इस बयान को लेकर इस कदर बौखाला गए कि उन्होंने पीएम मोदी पर एक अपमानजनक टिप्पणी कर दी है.


आसिफ ने इस भारत-यूएस संयुक्त बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'यह बयान उस व्यक्ति की यात्रा के दौरान आया है, जिस पर कभी अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.'