Women Reservation Bill: भारत में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद, देश में जश्न का माहौल है. इस बिल के तहत, केंद्र और राज्यों की सत्ता में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी सुनिश्चित होगी. लोकसभा में इस बिल को पक्ष-विपक्ष ने एकमत से पारित किया, लेकिन दो सांसदों ने इसका विरोध किया. इस बिल के पारित होने से लोकसभा में कम से कम 181 महिला सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित हो गई है. हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि यह व्यवस्था 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू होगी या नहीं. भारत में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद, यह जानना भी दिलचस्प होगा कि हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश में महिला आरक्षण की क्या स्थिति है?


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कई देशों में (जैसे कि फ्रांस और साउथ कोरिया) महिलाओं को संसद में प्रतिनिधित्व के लिए 50% की आरक्षण प्रदान किया गया है. इस दिशा में कई अन्य देशों ने भी प्रयास किए हैं, जैसे कि नेपाल और अर्जेंटीना, जो 1990 के दशक में इसे शुरू किया. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, देशों जैसे कि अर्जेंटीना, मैक्सिको, और कोस्टा रिका में महिलाओं का संसद में प्रतिनिधित्व 36% से अधिक है. न्यूजीलैंड और यूएई में महिलाओं का संसद में 50% का प्रतिनिधित्व है, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में महिला आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. फिर भी, अमेरिका की सत्ता में 29% और ब्रिटेन की संसद में 35% महिला प्रतिनिधित्व है. दुनियाभर के लगभग तीन-चौथाई देशों में महिलाओं का संसद में प्रतिनिधित्व होता है और इस मामले में रवांडा विश्व में महिलाओं का प्रतिनिधित्व में सबसे आगे है, जहां 61% महिलाएं संसद में हैं.


पाकिस्तान में क्या है स्थिति?
पाकिस्तान में सरकारों ने महिलाओं के संसद में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. 1956 में, पाकिस्तान नेशनल असेंबली में महिलाओं के लिए 10 सीटें आरक्षित की गई थीं, जिनमें 5 सीटें पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) और 5 सीटें पश्चिमी पाकिस्तान के लिए थीं. 1962 में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम हो गया और उनके लिए केवल 6 सीटें बचीं. फिर, साल 1973 में, पूर्वी पाकिस्तान के बांग्लादेश बनने के बाद, पाकिस्तान नेशनल असेंबली में महिलाओं के लिए फिर से 10 सीटें आरक्षित की गईं.