India Vs China on Indian Ocean Names Change: एक बार फिर चीन की नापाक इरादे सामने आए हैं. चीन ने हिंद महासागर की गहराई में स्थित 19 समुद्री तलों के नाम बदल दिए हैं. भारतीय संप्रभुता के साथ छेड़छाड़ करने की चीन की एक महीने में यह दूसरी हरकत है. इससे पहले दो अप्रैल को चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के बदल दिए थे, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था. दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. 


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अब चीन ने भारतीय प्रायद्वीप से लगभग 2,000 किलोमीटर दूर दक्षिण हिंद महासागर में 19 समुद्री सतहों का नाम बदल दिया है. Albeit चीन की प्रोपेगेंडा मीडिया है. उसने इस कदम को बीजिंग की 'सॉफ्ट पावर' बताया है.  चीन की इस हिमाकत को हिंद महासागर में उसके बढ़ते दबदबे के तौर पर भी देखा जा रहा है.


'चीन की सोच मध्य साम्राज्य वाली'


साउथ ब्लॉक के एक अधिकारी ने कहा, 'अरुणाचल प्रदेश और हिंद महासागर में जगहों के नाम बदलना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की मध्य साम्राज्य की मानसिकता को दर्शाता है. यह बिल्कुल ब्रिटिश राज की 19वीं सदी में प्रभुत्व और ताकत को दिखाने वाले नजरिए जैसा है. यहां तक कि चीन में जो राजनयिक नियुक्त हैं, उनको भी राजनयिक दस्तावेज पेश करते वक्त मंदारिन नाम दिया गया है.'


हिंद महासागर की गहराई में जिन 19 समुद्री तलों का नाम बदला गया है, उनमें से छह ओमान, अफ्रीका के जिबूती में चीनी बंदरगाह से दूर हैं. चार तल मेडागास्कर के तट से दूर हैं. आठ हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम के टीले पर हैं.जबकि एक तल अंटार्कटिका की ओर हिंद महासागर की गहराई में पूर्व की ओर स्थित टीले पर है.


क्या हैं चीन के इरादे


साल 2020 में COMRA की ओर से बाकी हौक्सियन सीमाउंट का नाम प्रस्तावित किया गया था. फिर एक जगह प्रस्तावित की गई, जिसका नाम था सनबोआ हिल. वहीं साल 2018 में COMRA ने एक प्रस्ताव दिया था, जिसका नाम तेनलॉन्ग सीमाउंट था. एक पूर्व भारतीय विदेश सचिव के मुताबिक, अरुणाचल में चीन का भौगोलिक जगहों का नाम बदलना इस ओर संकेत करता है कि यह इलाका दक्षिण तिब्बत या फिर बीजिंग की तरफ से झंगनान के तौर पर विवादित है. 


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