Economy of China: चीन के लिए परेशानियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. कोरोना वायरस के कहर के बाद वहां हालात ठीक नहीं हैं.इस बीच चीन में बेरोजगारी दर ने नया रिकॉर्ड बनाया है. कुछ विशेषज्ञों ने हाल ही में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की बात कही थी. ऐसे में बढ़ती बेरोजगारी की बात सामने आने से चीन के लिए मुश्किलें और बढ़ेंगी. चीन में बेरोजगारी जून में 20 फीसदी से ज्यादा थी. तीसरी बार चीन के सामने ऐसे हालात पैदा हुए हैं. 


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इस बार चीन में जो छात्र-छात्राएं कॉलेज से पास होकर निकलेंगे, वे काम खोजेंगे. इस वजह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए स्थितियां खराब हो सकती हैं. सोमवार को नेशनल स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो (एनबीसी) ने बताया कि जून के महीने में 16 से 24 साल की उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर 21.3 परसेंट थी. यह आंकड़ा साल 2018 के डेटा से भी अधिक है. 


नेशनल स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने बताया कि जुलाई में यह आंकड़ा और बढ़ेगा. जो युवा अपनी पढ़ाई पूरी करके निकलेंगे, वे नौकरी तलाशेंगे. इस कारण बेरोजगारी दर बढ़ेगी. सरकार के मुताबिक, इस साल यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से करीब 12 मिलियन छात्र-छात्राएं ग्रेजुएट होकर निकलेंगे. 


ग्रेजुएट्स की इतनी अधिक संख्या को देखते हुए एक्सपर्ट्स बेरोजगारी दर को लेकर परेशान हो गए हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर हालात ऐसे ही रहे तो  देश को गंभीर स्थितियों से गुजरना पड़ेगा. अधिकारियों ने कॉलेज से नए-नए पासआउट लोगों के लिए नौकरियां तैयार करने और जॉब्स के मौके ढूंढने पर जोर दिया. इससे पहले फरवरी के महीने में चीन के टॉप इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स ने स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी. 


खड़ी हो जाएंगी मुश्किलें


इससे पहले एक आर्टिकल में राष्ट्रीय विकास और सुधार समिति ने लिखा था कि कॉलेज से निकले स्टूडेंट्स के लिए रोजगार की नीतियां होनी चाहिए. इसके मुताबिक, नए ग्रेजुएट्स को करियर में स्टेबिलिटी चाहिए. वे सिविल सर्विसेज पदों के लिए ज्यादा तनख्वाह वाली प्राइवेट नौकरी छोड़ रहे हैं.